किसानों को नए साल में बड़ा तोहफा: 14 वर्षों से बंद पड़ी शुगर मिल फिर होगी शुरू, 550 करोड़ की आएगी लागत

करीब 14 वर्ष से बंद पड़ी छाता शुगर मिल प्रदेश की आधुनिक शुगर मिल में शुमार होगी। डिस्टलरी प्लांट पर करीब 550 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसकी डीपीआर नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्टरीज की टीम ने तैयार कर प्रदेश के गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण को सौंप दी है। मंत्री ने बताया कि मिल की डीपीआर मिल गई है। मंत्री ने बताया कि पहले चरण में 239 करोड़ रुपये की लागत से मिल का जीर्णोद्धार कराया जाएगा। मिल में एथनाल बेस प्लांट होगा जिसकी इंटरनेशनल मार्केट में डिमांड है। दूसरे चरण में करीब 310 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। चौधरी ने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने पिछले वर्ष मिल को शुरू कराने की घोषणा के बाद विधानसभा में अनुपूरक बजट पेश किया। बजट भाषण में उन्होंने छाता समेत प्रदेश की छह अन्य मिलों के पुनर्निर्माण के लिए पांच हजार करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है। धन स्वीकृत होते ही कार्य शुरू हो जाएगा। छाता शुगर मिल की शुरुआत वर्ष 1978 में क्षेत्रीय विधायक बाबू तेजपाल ने कराई थी। यह मिल आगरा मंडल की इकलौती मिल थी जिसकी कुल क्षमता 1250 टीसीडी थी। तत्कालीन मायावती सरकार ने 2008 में इसे बंद करा दिया। समय-समय पर मिल को शुरू कराने की मांग को लेकर आंदोलन भी हुए। गन्ने की उत्पादकता बढ़ाएंगे गन्ना मंत्री ने बताया कि मिल के आधुनिकीकरण के अलावा सरकार ने पांच साल में प्रति हेक्टेयर गन्ने की उत्पादकता 81.5 टन से बढ़ाकर 84 टन करने का लक्ष्य रखा है। इसी अवधि में चीनी का पड़ता 11.46 फीसद से बढ़कर 11.56 फीसद करने का लक्ष्य रखा है। शुगर टूरिज्म को बढ़ावा, गन्ना किसान संस्थान में शुगर म्यूजियम, चीनी मिलों के लिए विक्रय केंद्रों की स्थापना और गुड़ महोत्सव का आयोजन आदि योजनाएं हैं। 75 लाख करोड़ का भुगतान केबिनेट मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने 2017 से अब तक 1. 75 लाख करोड़ से अधिक का भुगतान कर नया रिकॉर्ड कायम किया है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Dec 26, 2022, 23:11 IST
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