Defence: 'थिएटर कमान पर असहमति राष्ट्रहित को ध्यान में रखकर दूर की जाएगी', मतभेद सामने आने के बाद सीडीएस चौहान
प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने बुधवार को कहा कि तीनों सेनाओं को मिलाकर बनने वाले प्रस्तावित थिएटर कमान पर असहमति को राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखकर दूर किया जाएगा। उन्होंने महत्वाकांक्षी थिएटर कमान योजना पर खुलकर मतभेद सामने आने के बाद यह बात कही। दरअसल, मध्य प्रदेश के महू स्थित आर्मी वॉर कॉलेज में आयोजित दो दिवसीय सैन्य सम्मेलन में प्रस्तावित थिएटर कमानों पर अलग-अलग राय स्पष्ट रूप से दिखाई दी। एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने योजना को जल्दबाजी में लागू करने के प्रति आगाह किया। नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने कहा, उनका बल इसके लिए प्रतिबद्ध है। रण संवाद में समापन भाषण में सीडीएस ने कहा कि खुलेपन के साथ मतभेदों और वैकल्पिक बिंदुओं पर चर्चा सकारात्मक संकेत है। राष्ट्रीय हित के आधार पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। एडमिरल त्रिपाठी और एयर चीफ मार्शल सिंह के विचार थिएटर कमांड पर विचार एक-दूसरे से अलग रहे, लेकिन भारत की सैन्य शक्ति को बढ़ाने के लिए तीनों सेनाओं के बीच तालमेल और संयुक्तता सुनिश्चित करने के मुद्दे पर दोनों एकमत थे। ये भी पढ़ें:Politics:निकाय चुनाव से पहले शिवसेना UBT-मनसे के मिलन का एक और संकेत; राज के घर आए उद्धव, CM फडणवीस भी पहुंचे अपने मतभेदों पर कर सकते हैं बात जनरल चौहान ने कहा, मैंने सीडीएस के रूप में वास्तव में तीनों सेनाओं के बीच एकजुटता को बढ़ावा देने का बीड़ा उठाया था। आज मैं खुशी और विश्वास के साथ कह सकता हूं कि हम एक बहुत अनुकूल माहौल और खुलेपन के साथ अपने मतभेदों पर बात कर सकते हैं। भले आप इस बात से सहमत न हों, लेकिन यहां सैकड़ों ऐसे बिंदु हैं, जिन पर हम चर्चा कर सकते हैं। आपको किसी तरह की असहमति का आभास हुआ है तो मैं विश्वास दिलाता हूं कि हम राष्ट्र के सर्वोत्तम हित में उसका समाधान करेंगे। किसी दबाव में नहीं आना चाहिए सम्मेलन में वायुसेना प्रमुख ने कहा कि सशस्त्र बलों को थिएटर कमान स्थापित करने के लिए किसी दबाव में नहीं आना चाहिए। उन्होंने तीनों सेनाओं के बीच तालमेल सुनिश्चित करने के लिए शीर्ष सैन्य अधिकारियों को शामिल करते हुए दिल्ली में एक संयुक्त योजना एवं समन्वय केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव रखा। एडमिरल त्रिपाठी ने कहा, भारतीय नौसेना थल सेना और वायु सेना के साथ अपने कमान और नियंत्रण, संचार और युद्ध क्षमता को समन्वित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, थिएटरीकरण को अंतिम लक्ष्य मानते हुए हम एकीकृत योजना, साझा परिदृश्य और एकीकृत संचालन के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहे। ये भी पढ़ें:Justice AS Oka:कॉलेजियम को असहमति पर गौर करने की जरूरत; जस्टिस नागरत्ना की असहमति पर शीर्ष अदालतकेपूर्वजज 2019 में हुई थी थिएटरीकरण योजना की घोषणा सरकार ने तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल सुनिश्चित करने के लिए 2019 में थिएटरीकरण योजना की घोषणा की थी। हालांकि, इसे लागू करने की दिशा में ठोस प्रगति नहीं हुई है। सीडीएस का कार्य तीनों सेनाओं के बीच तालमेल सुनिश्चित करना था और थिएटर कमांड संरचना की स्थापना को इस शीर्ष सैन्य अधिकारी का मुख्य कार्य माना गया था। जनरल चौहान ने कहा कि एकीकृत कमांड पर चर्चा 10 साल पहले शुरू की जानी चाहिए थी। हम थोड़ा देर से आए हैं, लेकिन इस खास अंतर को तेजी से पाटना होगा। क्या है पूरी योजना सरकार थिएटरीकरण मॉडल के तहत थलसेना, वायुसेना और नौसेना की क्षमताओं को एकीकृत करने और युद्धों एवं अभियानों के लिए उनके संसाधनों का इष्टतम उपयोग करने का प्रयास करती है। थिएटरीकरण योजना के अनुसार, हर थिएटर कमांड में थलसेना, नौसेना और वायुसेना की इकाइयां होंगी। ये सभी एक विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए एक इकाई के रूप में काम करेंगी। वर्तमान में थलसेना, नौसेना और वायुसेना की अलग-अलग कमान हैं।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Aug 28, 2025, 04:14 IST
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