Caste Census: जातिगत जनगणना से राजस्थान में किसे फायदा-किसे नुकसान, यहां गौत्र तक चलती है सियासत

केंद्र की मोदी सरकार ने आखिरकार जातिगत जनगणना का पिटारा खोल दिया। बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में जातिगत जनगणना करवाने का फैसला ले लिया गया। हालांकि इस प्रक्रिया को शुरू होने में अभी कम से कम अक्टूबर तक का इंतजार करना होगा क्योंकि 30 जून तक सेंसस को लेकर बॉर्डर सील करने का नोटिफिकेशन पहले से जारी हो चुका है। यदि इसमें और संशोधन नहीं होते हैं तो इसके बाद कम से कम 3 महीने जनगणना की प्रक्रिया शुरू होने में और लगेंगे। ये भी पढ़ें:Udaipur News:शादी से लौटते वक्त तेज रफ्तार कार ने असंतुलित होकर तीन बार पलटी मारी, महिला की मौत, 4 गंभीर घायल राजस्थान के लिए जातिगत जनगणना एक बड़ा सियासी मुद्दा है क्योंकि राजस्थान जातियों के वर्चस्व में बंटा राज्य है। जहां लोकसभा, विधानसभा से लेकर पंचायत चुनावों तक पर जातियों का प्रभाव हमेशा रहा है। यह मुद्दा राजस्थान के लिए कितना अहम है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने राजस्थान में जातिगत जनगणना करवाने का वादा किया था। यहां की सियासत में जातिगत समीकरण कितने ज्यादा हावी रहते हैं यह चुनावों में देखा जा सकता है, जहां जाति से भी आगे गौत्र तक की सियासी गोलबंदी की जाती है। जातियों के दबदबे का ही प्रभाव है कि प्रदेश में इसे लेकर कई बड़े आंदोलन हो चुके हैं। गुर्जर आंदोलन में गई 72 की जान जातिगत आरक्षण को लेकर राजस्थान में समय-समय पर कई बड़े आंदोलन भी हुए हैं। इनमें पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के कार्यकाल में हुए गुर्जर आरक्षण आंदोलन में 72 लोगों की पुलिस फायरिंग में जान चली गई थी। गुर्जर आरक्षण आंदोलन 2007 में शुरू हुआ था और 2019 तक इसे लेकर करीब 5 बार बड़े आंदोलन किए गए, जिसमें रेल नेटवर्क तक को जाम किया गया। भरतपुर में 25 साल पुराना है जाट आरक्षण का इतिहास भरतपुर संभाग में जाटों को आरक्षण दिए जाने की मांग भी राजस्थान में दो दशक से ज्यादा लंबे असरे से चलती आ रही है। मौजूदा भजनलाल सरकार में भी भरतपुर में जाट आरक्षण आंदोलन ने एक बार फिर आग पकड़ी। राजस्थान में भरतपुर ओर धौलपुर के जाटों को छोड़कर शेष इलाकों में रहने वाले जाटों को ओबीसी कैटेगिरी में आरक्षण मिल रहा है। इसलिए इन दो जिलों के जाट आरक्षण की मांग को लेकर लंबी लड़ाई लड़ रहे हैं। ये भी पढ़ें:Rajasthan News:बम-बम भोले के जयघोष से गूंजी छोटी काशी, आज से जयपुर में शुरू होगा पं. प्रदीप मिश्रा का कथावाचन वागड़ में आरक्षण पर नई जंग शुरू प्रदेश के वागड़ में भी जातिगत जनगणना की मांग अरसे से की जा रही है। यहां डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, उदयपुर सहित करीब 8 जिलों में 92 लाख की आबादी आदिवासी है, जिन्हें एसटी आरक्षण मिला हुआ है। लगभग 25 विधानसभा सीटें इस दायरे में आती हैं लेकिन यहां की मांग अब एसटी आरक्षण में सब कैटेगराइजेशन को लेकर है। डूंगरपुर-बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत का कहना है कि हम चाहते हैं कि राजस्थान में एसटी आरक्षण को 4 सब कैटेगिरी में विभाजित किया जाए और यह सब कैटेगिरी क्षेत्रीय आधार पर हो ना कि जातीय आधार पर पूर्व में भी यहां एसटी आरक्षण को जातीय आधार पर बांटने का षड्यंत्र किया जा चुका है। जातीय आधार पर भील, मीना, सहरिया, गरासिया, दामोर, दामरिया, धनका, नायक, पटेलिया सहित 12 सब कैटेगिरी हैं। इससे एसटी वर्ग आपस में ही लड़ेगा, वहीं क्षेत्रीय आधार पर इसे सिर्फ 4 श्रेणी में ही विभाजित करना होगा। राजस्थान में जातिगत वर्गीकरण जातिगत वर्गीकरण के हिसाब से देखें तो राजस्थान में करीब 200 जातियां हैं।इसमें एसटी में 23, एसटी में 74 व ओबीसी में 56 जातियां हैं, इसके अलावा सामान्य वर्ग में भी लगभग 61 जातियां शामिल हैं। ये भी पढ़ें:Rajasthan:पांच हजार फीट ऊंचे गांव में पहुंचा पहला ट्रैक्टर, असेंबल भी वहीं हुआ; अब बैलों के सहारे न होगी खेती एक्सपर्ट कमेंट्स- वरिष्ठ पत्रकार मनीष गोधा का मानना है कि जातिगत जनगणना के बाद जब आंकड़े सामने आएंगे, तब यहां निश्चित रूप से बहुत सारी चीजें बदलेंगी। कई सीटों के समीकरण बदलेंगे। अभी तक जो भी चल रहा है, अंदाजे पर चल रहा है। बाद में राजनीतिक दलों को भी अपनी रणनीति नए सिरे से तय करनी होगी। जिन सीटों पर अरसे से एक जाति का वर्चस्व चलता आ रहा है, हो सकता है जनगणना के बाद वहां स्थितियां पूरी तरह बदल जाएं। वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश भंडारी का कहना है कि भारत में इतनी डायवर्सिटी है कि उसमें जातिगत जनगणना की विपक्ष की मांग जायज थी। राजस्थान में जितनी भी जातियां हैं, उनमें से अधिकांश का प्रशासन व राजनीति में प्रतिनिधत्व न के बराबर है। मसलन जब जातिगत जनगणना होगी तो मीणा जाति में भी उपजातियां गिनी जाएंगी। इसमें आदिवासी कौन है, कृषक कौन है। इसी तरह ओबीसी में भी वर्गीकरण होगा, जिससे सारी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: May 01, 2025, 13:28 IST
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