UP: बीएलओ की आत्महत्या पर शिक्षकों ने सुनाई अपनी व्यथा, बोले- हम भी थक गए हैं!
मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का दारोमदार जिन बीएलओ पर है, वह मानसिक दबाव से जूझ रहे हैं। मुरादाबाद में एक बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) ने आत्महत्या कर ली। आगरा में भी बीएलओ परेशान हैं। रविवार को उन्होंने अपनी व्यथा सुनाई। कहा कि लोग सहयोग नहीं कर रहे हैं और अधिकारी दबाव डाल रहे हैं। बीएलओ शिक्षक सतीश कुमार ने कहा कि बीएलओ और एसआईआर के कार्य अब अधिक समय लेने वाले हो गए हैं। अपने क्षेत्र में घर-घर जाकर विवरण सत्यापित करने या फॉर्म भरवाने जाते हैं तो लोगों का सहयोग नहीं मिल पाता। कई बार घर के सदस्य फॉर्म देने से मना कर देते हैं, या बहाना बनाकर कहते हैं कि घर का मुख्य सदस्य घर पर नहीं है, बाद में आना। कार्य लटक जाता है। बीएलओ शिक्षक विष्णु शर्मा ने कहा कि अधिकारियों की ओर से आयोजित की जाने वाली मीटिंग में सभी बीएलओ को बुला लिया जाता है। जबकि जिनका टारगेट पूरा नहीं हो रहा, केवल उन्हें बुलाया जाना चाहिए। बार-बार बुलाने से रोजमर्रा के कार्य प्रभावित होते हैं। स्कूलों में नियमित कक्षाएं भी जारी हैं। यह व्यवस्था अब पूरी तरह अव्यावहारिक और थकाऊ होती जा रही है। वहीं, उत्तर प्रदेश सीनियर बेसिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष ने डॉ. महेश कांत शर्मा ने कहा कि बढ़ते कार्यभार और लगातार लक्ष्य पूरे करने के दबाव ने शिक्षकों की मानसिक स्थिति पर असर डालना शुरू कर दिया है। इस पर सरकार को सोचना चाहिए और कार्य विभाजन में सुधार, सहयोग न करने वाले परिवारों पर सख्त निर्देश जारी करने चाहिए।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Dec 01, 2025, 05:23 IST
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