Karnataka: वोक्कालिंगा नेताओं को अपने पाले में लाने की भाजपा की कोशिश, कर्नाटक चुनाव के लिए बनाई यह रणनीति

कर्नाटक में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में भाजपा मे अभी से अपनी तैयारियों को धार देना शुरू कर दिया है। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का कहना है कि पार्टी राज्य में काफी लंबे समय से जमीनी सत्र पर काम कर रही है। अपनी रणनीति के तहत भाजपा समान विचारधारा वाले लोगों के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटी हुई है। इसी क्रम में भगवा पार्टी विधानसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के ओल्ड मैसूर क्षेत्र के पंचायत से संसद तक कई वोक्कालिंगा समुदाय के नेताओं को अपने पाले में लाने में लगी हुई है। भारतीय जनता पार्टी के कर्नाटक प्रभारी अरुण सिंह ने इस बाबत जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि भगवा पार्टी उस क्षेत्र से रिकॉर्ड संख्या में सीटें जीतेगी, जहां वह काफी समय से जमीनी स्तर पर काम कर रही है। बूथ स्तर की गतिविधियों में शामिल है। उन्होंने कहा कि वोक्कालिंगा समुदाय के कर्नाटक सरकार में सात मंत्री हैं। इस समुदाय का प्रतिनिधित्व केंद्र में भी किया गया है। भाजपा सभी समुदायों को जगह देती है। पार्टी महासचिव अरुण सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी 'सबका साथ, सबका विकास' के दर्शन में विश्वास करती हैं। वहीं, भाजपा के एक अन्य महासचिव सीटी रवि ने भी आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की रणनीति के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भाजपा पुराने मैसूरु क्षेत्र के लिए दोतरफा रणनीति पर काम कर रही है। उन्होंने आगे बताया कि हमने पेज कमेटियों से लेकर मंडल स्तर तक अपनी टीमों को जमीन पर सक्रिय कर दिया है। इसके अलावा पंचायत से लेकर संसद में समान विचारधारा वाले वोक्कालिंगा नेताओं को पार्टी में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। भाजपा के दोनों महासचिव सीटी रवि और अरुण सिंह ने इस बात पर जोर दिया है कि भाजपा को एक समुदाय-विशिष्ट पार्टी के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भगवा पार्टी "सांस्कृतिक राष्ट्रवाद" और "विकास की राजनीति" में विश्वास करती है। गौरतलब है कि बीजेपी को परंपरागत रूप से वोक्कालिंगा बहुल ओल्ड मैसूरु क्षेत्र में अपेक्षाकृत कमजोर रूप में देखा जाता रहा है। इस क्षेत्र में 59 विधानसभा सीटें हैं। जिनमें से पार्टी ने 2018 के विधानसभा चुनावों में केवल नौ पर जीत हासिल की थी। ऐसे में भाजपा की कोशिश है कि इस बार के विधानसभा चुनावों में वह इस क्षेत्र में मजबूती से उभर कर सामने आए। वोक्कालिंगा कर्नाटक की आबादी का कम से कम 15 प्रतिशत हिस्सा हैं। साथ ही उन्हें लिंगायतों के बाद राज्य में दूसरे सबसे प्रभावशाली वोट बैंक के रूप में देखा जाता है। इस क्षेत्र में मंड्या, मैसूरु, हासन, तुमकुरु, चामराजनगर, बेंगलुरु ग्रामीण, कोलार और चिक्काबल्लापुर जैसे जिले शामिल हैं।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 01, 2023, 15:44 IST
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