Satta ka Sangram Live: अररिया पहुंचा चुनावी रथ, चाय पर चर्चा के दौरान युवाओं ने बताए मुद्दे; जानें क्या कहा?
अररिया की हवा में अब चुनाव की गूंज घुल चुकी है। यह वही ऐतिहासिक धरती है, जहां राजनीति केवल भाषणों से नहीं, बल्कि लोगों के दिलों की धड़कनों से चलती है। अमर उजाला का चुनावी रथ सत्ता का संग्राम जब अररिया पहुंचा, तो हर गली, नुक्कड़ और चौपाल पर बस एक ही सवाल गूंज रहा था, “इस बार किसके हाथ लगेगी सत्ता की चाबी” सुबह की चाय की चुस्कियों से लेकर शाम की बैठकों तक, मतदाताओं की उम्मीदें और मुद्दे मिलकर बिहार की नई राजनीतिक तस्वीर गढ़ रहे हैं। यहां की फिजा में अब सिर्फ हवा नहीं, बल्कि लोकतंत्र की सरगम बह रही है। यह संस्करण भाषा को थोड़ा और साहित्यिक और प्रवाहपूर्ण बनाता है, जबकि आपका मूल भाव पूरी तरह सुरक्षित रखता है। स्थानीय निवासी रंजन ने कहा, “अच्छे लोग चुनाव में जीत नहीं पाते। इसलिए वोटरों को ऐसे लोगों को चुनना चाहिए जिनसे आसानी से मिला जा सके और अपनी समस्याएं बताई जा सकें।” उन्होंने आगे कहा, “यहां लोग नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री मोदी को देखकर वोट देते हैं। सरकार को अब रोजगार और पलायन जैसे मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए।” वहीं मिथुन ने कहा, “यहां भ्रष्टाचार बहुत ज्यादा है, खासकर ब्लॉक कार्यालयों में घूसखोरी आम बात है। ऐसे में हमें ऐसे नेता को जीताना चाहिए जो इन समस्याओं को कम कर सके।” उन्होंने कहा, “हम सिर्फ विकास देखकर ही वोट देंगे।”
- Source: www.amarujala.com
- Published: Oct 29, 2025, 07:49 IST
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