Bihar: पीरपैंती में बनेगा 2400 मेगावाट का नया थर्मल पावर प्लांट, 2030 तक बिजली उत्पादन शुरू होने की उम्मीद
भागलपुर जिले के पीरपैंती में एक बड़ा थर्मल पावर प्लांट बनने जा रहा है। इस परियोजना को राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल चुकी है। यह प्लांट 2400 मेगावाट की क्षमता वाला होगा, जो बिहार में बिजली उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद करेगा। यह भागलपुर जिले का दूसरा थर्मल पावर प्लांट होगा। इससे पहले, जिले के कहलगांव में एनटीपीसी का 2300 मेगावाट का एक थर्मल पावर प्लांट पहले से मौजूद है। हालांकि, पीरपैंती थर्मल पावर प्लांट के निर्माण और संचालन में अभी समय लगेगा। मौजूदा योजना के अनुसार, 2030 तक इस प्लांट से बिजली उत्पादन शुरू हो सकता है। परियोजना से जुड़े सभी आवश्यक कार्यों को तेजी से पूरा करने के लिए राज्य सरकार और संबंधित एजेंसियां सक्रिय रूप से काम कर रही हैं। परियोजना की मुख्य विशेषताएं कुल क्षमता: 2400 मेगावाट स्थान: पीरपैंती, भागलपुर (बिहार) अनुमानित लागत: करीब 20 हजार करोड़ रुपये जमीन अधिग्रहण: 1020.60 एकड़ जमीन अधिग्रहित की जा चुकी है कोयला आपूर्ति: झारखंड के राजमहल कोल ब्लॉक से होगी संभावित शुरुआत: 2030 तक बिजली उत्पादन शुरू होने की उम्मीद परियोजना का ऐतिहासिक सफर 1- 2006: पहली बार पीरपैंती में थर्मल पावर प्लांट लगाने की योजना बनाई गई थी। 2-2014: राज्य मंत्रिमंडल ने इस परियोजना को सैद्धांतिक मंजूरी दी। 3- 2008: सरकार ने इस प्रोजेक्ट को थर्मल से बदलकर सौर ऊर्जा आधारित बनाने की योजना बनाई, लेकिन उपयुक्त भूभाग न मिलने के कारण यह संभव नहीं हो सका। 4- 2023: सरकार ने फिर से पीरपैंती में थर्मल पावर प्लांट लगाने का निर्णय लिया। 5- 2024: इस परियोजना को केंद्रीय बजट में 21,400 करोड़ रुपये की मंजूरी मिली। परियोजना की वर्तमान स्थिति इस परियोजना के लिए जरूरी जमीन का अधिग्रहण पूरा हो चुका है। कुल 1020.60 एकड़ जमीन को विभिन्न गांवों हरिणकौल, श्रीमतपुर, रायपुरा, सुंदरपुर, और टुंडवा-मुडवा से लिया गया है। महत्वपूर्ण प्रगति 1- पर्यावरणीय स्वीकृति – इस समय पर्यावरणीय मंजूरी लेने की प्रक्रिया जारी है, ताकि परियोजना को कानूनी बाधाओं से बचाया जा सके। 2- कोयला आपूर्ति की व्यवस्था – इस प्लांट को झारखंड के राजमहल कोल ब्लॉक से कोयला मिलेगा। यहां से 2029 तक कोयले की आपूर्ति शुरू हो जाएगी। इस पावर 3- प्लांट को सालाना करीब 12 मीट्रिक टन कोयले की जरूरत होगी। 4- निर्माण एजेंसी का चयन – अभी तक पावर प्लांट के निर्माण के लिए किसी एजेंसी का चयन नहीं किया गया है। जल्द ही इस संबंध में टेंडर निकाला जाएगा। 5- सरकारी निरीक्षण – बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड (बीएसपीएचसीएल) इस प्रोजेक्ट पर नजर रख रही है। हाल ही में कंपनी के एमडी ने इलाके का निरीक्षण किया था। स्थानीय लोगों की उम्मीदें और चिंताएं पीरपैंती थर्मल पावर प्लांट के बनने से स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। इस पावर प्लांट से न केवल बिजली उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि इससे क्षेत्र के आर्थिक और औद्योगिक विकास को भी गति मिलेगी। हालांकि, कुछ लोगों को पर्यावरणीय प्रभावों को लेकर चिंता है। कोयला आधारित पावर प्लांट से प्रदूषण बढ़ सकता है, जिससे आसपास के इलाकों में हवा और पानी की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है। इसलिए, सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि पर्यावरण संरक्षण से जुड़े सभी नियमों का पालन हो।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Feb 06, 2025, 19:43 IST
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