Bhopal: सुप्रीम कोर्ट की टीम ने भोपाल में की सड़क सुरक्षा बैठक, न्यायमूर्ती बोले-हेलमेट-सीट बेल्ट को आदत बनाएं

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एवंसुप्रीम कोर्ट सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष जस्टिस अभय मनोहर सप्रे ने शुक्रवार को भोपाल में एक उच्च-स्तरीय सड़क सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।सप्रे ने कहा कि भोपाल में सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक सुधार के क्षेत्र में संगठित प्रयास हो। हेलमेट और सीट बेल्ट को आदत बनाया जाए।उन्होंने शहर की ई-रिक्शा पहल की सराहना की और सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने तथा यातायात प्रबंधन में सुधार के लिए छह महीने की समय-सीमा तय की। जस्टिस सप्रे ने जिला प्रशासन, पुलिस और नगर निगम सहित सभी विभागों के समन्वित प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।उन्होंने सुरक्षा उपायों को लागू करने में सुप्रीम कोर्ट की समिति की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।बैठक में कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह, पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त पंकज श्रीवास्तव, नगर कमिश्नर हरेंद्र नारायण, स्मार्ट सिटी सीईओ अंजू कुमार, जिपं सीईओ इला तिवारी, एडीएम अंकुर मेश्राम भी मौजूद थे। पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा दिया जाए न्यायमूर्ति सप्रे ने कहा कि हेलमेट पहनने की आदत को बढ़ावा दिया जाए। सीट बेल्ट उपयोग के प्रति जागरूकता लाई जाए। शराब पीकर वाहन चलाने वालों एवं नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा दिया जाए। ताकि सड़कों पर छोटे वाहनों का दबाव कम हो सके। सभी शासकीय कर्मचारी वाहन चलाते समय अनिवार्य रूप से सीट बेल्ट/हेलमेट का उपयोग करें। स्कूल-कॉलेजों के विद्यार्थियों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य किया जाए। यह भी पढ़ें- BJP नेता शर्मा ने कहा- कांग्रेस ने गढ़ा हिंदू आतंकवाद, साध्वी बोलीं- मेरा जीवन बर्बाद हो गया किसी की गलती से निर्दोष की जान न जाए इससे पहले बैठक में न्यायमूर्ति सप्रे ने भोपाल जिले में पिछले 5 साल में हुई सड़क दुर्घटनाओं, ब्लैक स्पॉट चिह्नांकन एवं उनके सुधार कार्यों, चालानी कार्रवाई, जन-जागरूकता अभियानों और अन्य नवाचारों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति का जीवन अमूल्य है और किसी की गलती से निर्दोष की जान न जाए यह तय किया जाए। यह भी पढ़ें- मध्य प्रदेश में पहली बार AI की मदद से होगा मानसिक बीमारियों का इलाज, कनाडा की कंपनी से हुआ एमओयू फिटनेस की नियमित जांच की जाए न्यायमूर्ति सप्रे ने कहा कि वाहनों की फिटनेस की नियमित जांच की जाए। ड्राइविंग टेस्ट में सख्ती बरती जाए। बीमा और लाइसेंस की अनिवार्यता हो और ओवरलोडिंग पर रोक के लिए विशेष कार्रवाई की जाए। सड़कों पर मानक गति सीमा का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाए। उन्होंने सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों के लिए राहवीर योजना और कैशलेस ट्रीटमेंट योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jul 31, 2025, 21:31 IST
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