Bhopal: MP के 20 जिलों के आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मचारियों को 4 माह से नहीं मिली सैलरी,डिप्टी CM ने दिया आश्वासन
मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्स और संविदा के माध्यम से करीब 32 हजार कर्मचारी अस्पतालों में सेवाएं दे रहे हैं। लेकिन विभाग से उन्हें समय पर सैलरी नहीं मिल पा रही। प्रदेश के करीब 20 जिलों में चार से महीने से कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिली है। इस कारण कर्मचारियों में काफी नाराजगी देखी जा रही है। कर्मचारियों ने 22 अप्रैल से राजधानी भोपाल में आंदोलन की चेतावनी दी थी, लेकिन एक दिन पहले मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य चिकित्सा मंत्री और डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को आश्वासन दिया है कि उन्हें जल्द ही सैलरी दी जाएगी। इसके बाद कर्मचारियों ने 22 अप्रैल को होने वाली अपनी हड़ताल को टाल दिया है, लेकिन कर्मचारियों ने कहा है कि अगर 15 दिन की भीतर उन्हें सैलरी नहीं दी जाती है तो वे हड़ताल करने को मजबूर होंगे। कई माह से नही मिल रहा वेतन संघ के प्रदेशाध्यक्ष कोमल सिंह ने बताया कि प्रदेश में 32 हजार से अधिक आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मचारी सपोर्ट स्टाफ, वार्ड बाय, आया, सुरक्षाकर्मी, डाटा एंट्री आपरेटर आदि के रूप में सेवाएं दे रहे हैं। इनमें से कई कर्मचारी पूर्व में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत संविदा पर कार्य कर चुके हैं। कई जिलों में कर्मचारियों को 4-5 माह से वेतन नहीं मिला है, जिससे उनके परिवारों की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है। कोमल सिंह ने कहा है कि डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही उनकी सैलरी दी जाएगी। उन्होंने कहा है कि अगर हमारी मांगे नहीं मानी गई तो वे अनिश्चिकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे और चिकित्सा शिक्षा मंत्री के बंगले का घेराव करेंगे। यह भी पढ़ें-आईएएस डॉ. राहुल फटिंग को आज मिलेगा प्रधानमंत्री उत्कृष्टता सम्मान, नवाचारों के लिए होंगे सम्मानित घोटाले की जांच की मांग कोमल सिंह ने बताया कि इसके साथ ही वेतन में निर्धारित श्रमिक दरों की अनदेखी की जा रही है और कर्मचारियों के शोषण की शिकायतें सामने आई हैं। संघ ने मांग की है कि इस घोटाले की जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। ज्ञापन में नियमितीकरण, वेतनवृद्धि, महिला कर्मियों को मातृत्व अवकाश, चिकित्सा अवकाश, समान कार्य समान वेतन सहित अनेक मांगें शामिल हैं। संघ ने चेताया कि यदि तय समय-सीमा में समाधान नहीं हुआ, तो हड़ताल कर चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा। यह भी पढ़ें-प्रदेश में तेज गर्मी का असर, 23 शहरों में पारा 40 डिग्री पार, आज भी ऐसा ही रहेगा मौसम कर्मचारियों की प्रमुख मांगे 1. राष्ट्रीय स्वास्थ मिशन के अधीन पूर्व में संविदा सपोर्ट स्टॉफ कर्मचारियों के रूप में सेवाएं दे चुके कर्मचारियों को विभाग में रिक्त पदों पर नियमित किया जाए अथवा पुनः राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधीन संविदा में मर्ज किया जाए। 2. विभिन्न पदों पर सेवाएं दे रहे आउटसोर्स कर्मचारियों को विभाग में तृतीय श्रेणी एवं चतुर्थश्रेणी के रिक्त पदों पर मर्ज किया जाए। 3. संविदा नीति 2018 एवं 2023 की नीति सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी किए गए आदेशानुसार नीति अनुसार महंगाई भत्ता सहित नीति पूर्व रूप से अति शीघ्र लागू किया जाए। 4. विभाग के अधीन 3 वर्ष से लगातार सेवाएं दे चुके आउटसोर्स के कर्मचारियों के वेतन के नियमों में परिवर्तन किया एवं वेतन वृद्धि की जाए। 5. नियमित एव संविदाकर्मचारियों की तरह आउटसोर्स कर्मचारियों को भी जिसमें 1 महिला कर्मचारियों को छह माह का प्रसूति अवकाश किया जाए। 6. माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार आउटसोर्स कर्मचारियों को भी समान कार्य एवं समान वेतन दिया जाए। 7. निष्कासित कर्मचारियों को वापस लिया जाए। 8. भविष्य में किसी भी आउटसोर्स कर्मचारी को बिना किसी जांच पडताल के सेवा से पृथक ना किया जाए। 9. रोगी कल्याण समिति के अधीन कार्यरत कर्मचारियों को वरिष्ठता के आधार पर नियमित किया जाए।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Apr 21, 2025, 07:42 IST
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