Bhopal News: छात्र संघ चुनाव और शिक्षा में पारदर्शिता की मांग पर NSUI का प्रदर्शन, कई कार्यकर्ता हिरासत में

छात्र राजनीति की बहाली और शिक्षा संस्थानों में पारदर्शिता को लेकर सोमवार को राजधानी भोपाल में एनएसयूआई ने जोरदार प्रदर्शन किया। छात्र संघ चुनाव फिर से शुरू करने, निजी विश्वविद्यालयों में कथित गड़बड़ियों की जांच, नर्सिंग कॉलेजों में फर्जी फैकल्टी नियुक्तियों पर सख्त कार्रवाई और देशभर में वोट चोरी की घटनाओं पर रोक की मांग को लेकर बड़ी संख्या में कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे। पुलिस ने रेडक्रॉस चौराहा पर रोका, बैरिकेड पर चढ़े कार्यकर्ता प्रदर्शनकारी कांग्रेस भवन से राजभवन की तरफ शांतिपूर्ण मार्च निकाल रहे थे, लेकिन पुलिस ने रेडक्रॉस चौराहे पर बैरिकेड लगाकर रैली को रोक दिया। रोक के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। कुछ कार्यकर्ता बैरिकेड पर चढ़ गए और करीब दो घंटे तक वहीं खड़े होकर नारेबाजी करते रहे। स्थिति नियंत्रण से बाहर ना जाए, इसलिए पुलिस ने एनएसयूआई के प्रदेश प्रभारी रवि दांगी, प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार, जिला अध्यक्ष अक्षय तोमर, प्रदेश महासचिव सैयद अल्तमस सहित एक दर्जन से अधिक कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। कई वरिष्ठ पदाधिकारी रहे मौजूद रैली में एनएसयूआई उपाध्यक्ष रवि परमार और जिला अध्यक्ष अक्षय तोमर के नेतृत्व में बड़ी संख्या में छात्र पहुंचे। प्रदर्शन में कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी, एनएसयूआई पदाधिकारी लक्की चौबे, अमित हाटिया, गुलाम हैदर, धीरज वर्मा, अनिमेष गोंडली, विराज यादव, मौसम डेहरिया, शुखरन मिश्रा, आदित्य चनाल और राज ठाकुर सहित कई दर्जन पदाधिकारी मौजूद रहे। छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकार छीन लिए गए प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने कहा कि मध्यप्रदेश में छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकार छीन लिए गए हैं। फर्जी नर्सिंग कॉलेजों और निजी विश्वविद्यालयों में लगातार भ्रष्टाचार हो रहा है और सरकार चुप्पी साधे बैठी है। एनएसयूआई इसे किसी भी तरह स्वीकार नहीं करेगी। जिला अध्यक्ष अक्षय तोमर ने कहा कि छात्रों से भारी भरकम फीस वसूली जाती है लेकिन सुविधाएं नाममात्र की हैं। पारदर्शिता की कमी और छात्र संघ चुनावों पर रोक ने युवाओं की आवाज़ कमजोर कर दी है। यह भी पढ़ें-विदिशा की बच्ची की तस्वीर को लेकर कांग्रेस का सरकार पर हमला,कहा-यह मध्यप्रदेश की जमीनी सच्चाई का आइना प्रदेश सरकार छात्र विरोधी नीतियों पर प्रदेश प्रभारी एनएसयूआई रवि दांगी ने कहा कि छात्रों के अधिकारों की लड़ाई लड़ रही है। यह आंदोलन सिर्फ चुनाव की बहाली के लिए नहीं, बल्कि शिक्षा में बढ़ रहे निजीकरण और फर्जीवाड़े के खिलाफ भी है। सरकार ने यदि युवा आवाज़ को अनसुना किया तो आंदोलन और तीव्र होगा। विवेक त्रिपाठी, प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि इस विरोध ने स्पष्ट कर दिया है कि प्रदेश सरकार छात्र विरोधी नीतियों पर चल रही है। सरकार चुनाव नहीं करवा रही क्योंकि उसे पता है कि छात्र राजनीति में वास्तविक प्रतिनिधित्व एनएसयूआई ही करती है। यह भी पढ़ें-एम्स में लंग्स ट्रांसप्लांट शुरू करने की तैयारी, डॉक्टरों की ट्रेनिंग पूरी, सोटो की मंजूरी का इंतजार एनएसयूआई की चेतावनी संगठन ने कहा है कि यदि छात्र हितों की अनदेखी जारी रही तो जल्द ही पूरे प्रदेश में बड़े पैमाने पर आंदोलन छेड़ा जाएगा। एनएसयूआई ने घोषणा की कि यह संघर्ष शिक्षा में पारदर्शिता, युवाओं के अधिकारों और छात्र लोकतंत्र की पुनःस्थापना के लिए जारी रहेगा।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 10, 2025, 19:35 IST
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