WB: 'जेल में नहीं मिल रहीं बुनियादी सुविधाएं', शर्मिष्ठा पनोली ने अदालत का किया रुख; कोर्ट ने तलब की रिपोर्ट

इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली के वकील ने सोमवार को अपीपुर कोर्ट में एक याचिका दायर की। उन्होंने आरोप लगाया कि पनोली को सुधार गृह में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जा रही हैं। उनके वकील मोहम्मद समीमुद्दीन ने बताया कि कोर्ट ने इस संबंध में चार जून तक रिपोर्ट तलब की है। समीमुद्दीन ने बताया, अलीपुर महिला सुधार गृह के अंदर उचित स्वच्छता नहीं है। मेरी मुवक्किल को बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा है। उसे किडनी से जुड़ी समस्या है और वह ठीक महसूस नहीं कर रही है। हमने एक याचिका दायर की है। शर्मिष्ठा पनोली के वकील ने क्या कहा उन्होंने कहा, हम अपनी मुवक्किल (शर्मिष्ठा पनोली) को 13 जून से पहले जेल से रिहा कराने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। आज हम इस मामले पर विस्तार से चर्चा करेंगे और अगले एक-दो दिनों में तय करेंगे कि आगे क्या कदम उठाना है। वकील ने कहा, अलीपुर महिला सुधार गृह में उनकी देखभाल सही तरीके से नहीं हो रही है। वहां उनके आसपास साफ-सफाई का बिल्कुल ध्यान नहीं रखा जा रहा है। उनकी तबीयत ठीक नहीं है, उन्हें किडनी स्टोन की समस्या है। इसके बावजूद उन्हें ठीक से इलाज या आराम नहीं मिल पा रहा है। समीमुद्दीन ने बताया, उन्हें अखबार, पत्रिकाएं जैसी जरूरी चीजें भी नहीं दी जा रही हैं, जो कि उनके बुनियादी अधिकार हैं। इसलिए हमने आज कोर्ट में एक याचिका दायर की है, ताकि उन्हें ये सुविधाएं मिल सकें। हमारा साफ कहना है कि शर्मिष्ठा बेगुनाह हैं। उनका किसी की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था। हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि उन्हें जमानत मिले और न्याय मिले। कोलकाता पुलिस ने पनोली को गुरुग्राम से किया गिरफ्तार कोलकाता पुलिस ने शुक्रवार रात हरियाणा के गुरुग्राम से शर्मिष्ठा पनोली को कथित तौर पर सांप्रदायिक टिप्पणियों वाला एक वीडियो अपलोड करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। वीडियो में कहा गया था कि बॉलीवुड अभिनेता ऑपरेशन सिंदूर पर चुप हैं। शनिवार को कोलकाता की एक अदालत ने पनोली को 13 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। ये भी पढ़ें:'महिला इन्फ्लुएंसर की गिरफ्तारी के वक्त कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया गया', पुलिस का दावा गिरफ्तारी में कानूनी प्रक्रिया का पालन किया: कोलकाता पुलिस इससे पहले,कोलकाता पुलिस ने पनोली को अवैध रूप से गिरफ्तारी को लेकर हो रही आलोचनाओं को सिरे से खारिज किया। पुलिस ने कहा कि मामले की उचित जांच की गई और इस बाबत कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया गया। पुलिस ने कहा, आरोपी को देशभक्ति व्यक्त करने या व्यक्तिगत विश्वास के लिए गिरफ्तार नहीं किया गया। कानूनी कार्रवाई आपत्तिजनक सामग्री साझा करने के लिए की गई, जो समुदायों के बीच नफरत को बढ़ावा देती है। इन्फ्लुएंसर की गिरफ्तारी राज्य प्रायोजित दमन: भाजपा उधर, भाजपा ने पनोली की गिरफ्तारी को लेकर पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार सरकार पर हमला बोला। राज्य में विपक्षी पार्टी ने इस कार्रवाई को राज्य प्रायोजित दमन करार दिया। भाजपा ने कहा यह कार्रवाई अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है। पार्टी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने इस मुद्दे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी निशाना साधते हुए उन्हें निर्दयी बताया। ये भी पढ़ें:शर्मिष्ठा पनोली के समर्थन में आया बार काउंसिल; तत्काल रिहाई और निष्पक्षट्रायलकीमांग पनोली की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए भाटिया ने एक पोस्ट में कहा, शर्मनाक। ममता बनर्जी की पुलिस कोलकाता से करीब 1,500 किलोमीटर का सफर तय करके सिर्फ इसलिए कानून की छात्रा शर्मिष्ठा पनोली को गिरफ्तार करने पहुंची, क्योंकि उसने अपनी राय व्यक्त की थी, जिसके लिए छात्रा ने सार्वजनिक रूप से माफी भी मांग ली थी। लेकिन यही पुलिस संदेशखाली के आरोपियों को तब तक नहीं पकड़ी, जब तक हाईकोर्ट ने फटकार नहीं लगाई।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jun 02, 2025, 20:24 IST
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