चंबल की बदली पहचान: बटेश्वर में 14 करोड़ से बनेगा सरकारी महाविद्यालय, बाह विधानसभा को मिली दूसरी सौगात
भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के गांव बटेश्वर के सिधावली में 14.35 करोड़ की लागत से राजकीय महाविद्यालय बनेगा। रविवार को महाविद्यालय का शिलान्यास कर उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय एवं बाह की विधायक पक्षालिका सिंह ने भूमि पूजन किया। उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि दो राजकीय महाविद्यालय की सौगात हासिल करने वाला बाह विधानसभा क्षेत्र इकलौता है। उन्होंने बताया कि बाघराजपुरा में राजकीय महाविद्यालय बनकर तैयार हो गया है। विधायक पक्षालिका सिंह की सक्रियता का जिक्र करते हुए बताया कि उन्होंने पिनाहट में तीसरे महाविद्यालय की मांग रखी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बातचीत कर इस पर जल्द निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संकल्प के साथ प्रदेश शिक्षा के साथ विकास के नये आयाम गढ़ रहा है। बटेश्वर में बन रहा महाविद्यालय प्रदेश का 74वां राजकीय कॉलेज होगा। इससे पहले बाह की विधायक पक्षालिका सिंह ने मुख्यमंत्री, पूर्व उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, उच्च शिक्षा मंत्री का बाह को दो महाविद्यालय की सौगात देने के लिए आभार जताया। पिनाहट में तीसरे महाविद्यालय की मांग रखी। कहा कि बाह क्षेत्र के बेटे-बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए अब आगरा, इटावा, शिकोहाबाद तक नहीं जाना पड़ेगा। उच्च शिक्षा अधिकारी राजेश प्रकाश ने दोनों का स्वागत किया। निर्माण एजेंसी यूपीपीसीएल के परियोजना प्रबंधक संदीप चौधरी ने बताया कि 26 बीघा जमीन पर महाविद्यालय का निर्माण होगा। निर्माण लागत 14.35 करोड़ की है। एक करोड़ की पहली किश्त मिल गई है। 2027 में निर्माण कार्य पूरा होगा। इस दौरान एसडीएम संतोष कुमार शुक्ला, प्रो. महेंद्र कुमार, ब्लॉक प्रमुख लाल सिंह चौहान, सुनील बाबू, अश्विनी वाजपेयी, सचिन वाजपेयी, भगत सिंह चौहान, पुलकित भदौरिया, अल्केंद्र जादौन, हृदय नारायन शर्मा, सुशील भदौरिया, डॉ. तेजेंद्र, डॉ. सतीश यादव, डॉ. दिग्विजय यादव, डॉ. अनुज कुमार, डॉ. पंकज, डॉ. लोकेंद्र सिंह, डॉ. वेद प्रकाश आदि मौजूद रहे। डकैत नहीं, सैनिक, खिलाड़ी एवं अफसर घाटी की पहचान चंबल घाटी 4 दशक (1950 से 1990) तक डकैतों के लिए कुख्यात रही है, लेकिन अब घाटी की पहचान सैनिक, खिलाड़ी एवं अफसर हैं। क्षेत्र की छवि बदल रही है, इसके पीछे शिक्षा, खेल, तकनीकि एवं सेना के प्रति युवाओं का जुनून है। चंबल के गांव कोरथ ने देश को वायु सेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया, कारगिल शहीद लायक सिंह भदौरिया, सिमराई गांव ने कुपवाड़ा में शहीद हुए इंद्रजीत सिंह एवं पाकिस्तान सीमा पर दुश्मन को धूल चटाने वाले उनके भाई जयवीर सिंह को दिया है। बलिदानी सपूतों की लंबी फेहरिस्त है। इसके अलावा जैतपुर के विजय सिंह चौहान को डिकैथ लेन में एशियन आयरन मैन, स्वर्ण पदक के बाद अर्जुन अवार्ड मिला। क्वारी के अजित भदौरिया ने डिस्कस थ्रो में एशियन गोल्ड मेडल के साथ अर्जुन अवार्ड जीता। बड़ागांव के अंकित शर्मा ने एकलव्य अवार्ड के साथ एशियाड में लंबी कूद के कई स्वर्ण पदक जीते और भी कई बड़े नाम हैं। पारना, होलीपुरा, कमतरी, बासौनी ने देश को कई अफसर दिए हैं। बाह की विधायक पक्षालिका सिंह ने उच्च शिक्षा एवं विकास के सोपान चढ़ते बाह क्षेत्र की प्रगति पर गर्व जताते हुए कहा कि बाह की पहचान सैनिक, खिलाड़ी एवं अफसर हैं, जिन पर उन्हें नाज है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Nov 24, 2025, 08:42 IST
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