Supreme Court: 'खाते को फ्रॉड घोषित करने से पहले कर्जदार को सुनवाई का मौका दें बैंक', सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि बैंकों को किसी कर्जदार के खाते को धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत करने से पहले सुनवाई और प्रतिनिधित्व का उचित अवसर प्रदान करना चाहिए। तेलंगाना हाईकोर्ट के 2020 के आदेश को बरकरार रखते हुए चीफ जस्टिस (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने कहा कि धोखाधड़ी के रूप में एक खाते को वर्गीकृत करने से न केवल जांच एजेंसियों को अपराध की सूचना मिलती है, बल्कि कर्जदारों के लिए अन्य दंडात्मक और नागरिक परिणाम भी होते हैं। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों की मांग है कि कर्जदारों को नोटिस दिया जाना चाहिए और फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट के निष्कर्षों को स्पष्ट करने का अवसर दिया जाना चाहिए। बेंच ने कहा, प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के अनुरूप, ऋणदाता बैंकों को ऑडिट रिपोर्ट की एक प्रति प्रस्तुत करके कर्जदार को एक अवसर प्रदान करना चाहिए और कर्जदार को खाते को धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत करने से पहले एक अभ्यावेदन प्रस्तुत करने का उचित अवसर प्रदान करना चाहिए। कर्जदार द्वारा संबोधित आपत्तियों पर तर्कसंगत आदेश जारी किया जाना चाहिए।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Mar 27, 2023, 22:58 IST
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