Punjab: ऑडिट में अड़चन, रिकॉर्ड पेश नहीं कर पाते 60% विभाग, प्रधान महालेखाकार विभाग को झेलनी पड़ रहीं दिक्कतें

प्रधान महालेखाकार (ऑडिट) विभाग को पंजाब में ऑडिट प्रक्रिया के दौरान काफी दिक्कतें पेश आ रही हैं। टीमें जब विभिन्न विभागों व ऑडिट के लिए जाती हैं तो उन्हें रिकॉर्ड ही नहीं मिल पाता जिस वजह से ऑडिट करना मुश्किल हो रहा है। करीब 60 प्रतिशत सरकारी इकाइयां ऐसी हैं जो ऑडिट टीम की मांग के अनुरूप अपना रिकॉर्ड पेश नहीं कर पातीं। प्रधान महालेखाकार विभाग ने पंजाब के मुख्य सचिव को पत्र भेजकर उनसे इस बाबत सहयोग सुनिश्चित करवाने को कहा है। महालेखाकार विभाग पंजाब के विभिन्न सरकारी कार्यालयों में हर साल ऑडिट कर यह जांच करता है कि संबंधित विभाग को किस काम के लिए सरकार की ओर से कितना फंड किस मद में जारी हुआ और विभाग ने उसे कैसे खर्च किया यानी ऑडिट टीम की ओर से विभाग के सरकारी खर्च का हिसाब-किताब जांचा जाता है मगर अधिकतर विभागों से ऑडिट टीम को रिकॉर्ड नहीं मिल पा रहा है। खासकर पंचायत विभाग और शहरी स्थानीय निकाय विभागों के साथ सबसे ज्यादा दिक्कतें पेश आ रही हैं जबकि इन्हीं दोनों विभाग के जरिये ही जनता की बुनियादी सुविधाओं से जुड़े अधिकतर विकास कार्य करवाएं जाते हैं। पंजाब स्थित एक गांव के सरपंच ने बताया कि ग्राम पंचायतों के पास रिकॉर्ड संभालने की कोई व्यवस्था ही नहीं है। हम कई बार पंजाब सरकार से मांग कर चुके हैं वह ग्राम पंचायतों के कामकाज का हिसाब-किताब रखने के लिए पंचायत विभाग की ओर से किसी कर्मचारी की व्यवस्था करवाई जाए। इसी वजह से बहुत सी पंचायतें कामकाज तो ठीक करती हैं मगर ऑडिट के लिए अपना रिकॉर्ड ही पेश नहीं कर पातीं। डेराबस्सी के विधायक कुलजीत सिंह रंधावा ने कहा कि पंचायतों के लिए हिसाब-किताब रखना बड़ी चुनौती है। लिहाजा पंचायतों के लिए हर गांव में दफ्तर और स्टाफ की बहुत जरूरत है। इस पर पंचायती राज कमेटी, पंजाब के अध्यक्ष व विधायक बुद्धराम के अनुसार ऑडिट एक अहम प्रक्रिया है और सभी ग्राम पंचायतों से अपील है कि वे इसमें सहयोग करें। हर गांव में पंचायत दफ्तर बने, इसके लिए पंजाब सरकार प्रयास कर रही है। ऑडिट टीम को दिया जाता है प्रलोभन विभिन्न सरकारी कार्यालयों में ऑडिट टीमों की खासी खातिरदारी के साथ कई तरह का प्रलोभन भी दिया जाता है। इसका खुलासा भी प्रधान महालेखाकार पंजाब (ऑडिट) की ओर से किया गया है। विभाग ने अपील की है कि विभागों में ऑडिट टीमों का स्वागत केवल रिकॉर्ड से किया जाए। किसी तरह की खातिरदारी और प्रलोभन देने के चक्कर में न पड़ा जाए। ऑडिट टीम की ड्यूटी है कि वे ईमानदारी से सही को सही और गलत को गलत बताएं। हमारा मकसद नकारात्मकता फैलाना नहीं अधिकतर आपत्तियां यही रहती हैं कि संबंधित विभाग से रिकॉर्ड ही नहीं उपलब्ध हुआ। ऑडिट टीमें जो दस्तावेज मांगती हैं, वह उपलब्ध ही नहीं होता। हमारा मकसद किसी के काम में नुक्ताचीनी निकालना या नकारात्मकता फैलाना नहीं है। सरकारी फंड की बर्बादी न हो और सही ढंग से हिसाब-किताब रखा जाए, इसी की जांच करना हमारा मकसद है। यह भी गुजारिश है कि ऑडिट टीम को किसी तरह का प्रलोभन न दिया जाए। -नाजली जाफरी शाईन, प्रधान महालेखाकार पंजाब (ऑडिट)

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Dec 02, 2025, 11:53 IST
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