पढ़ें, अटल बिहारी वाजपेयी की 3 चुनिंदा कविताएं जिनमें निहित है जीवन की सच्चाई

दूर कहीं कोई रोता है तन पर पहरा, भटक रहा मन, साथी है केवल सूनापन, बिछुड़ गया क्या स्वजन किसी का, क्रंदन सदा करुण होता है। जन्म दिवस पर हम इठलाते, क्यों न मरण-त्यौहार मनाते, अंतिम यात्रा के अवसर पर, आँसू का अशकुन होता है। अंतर रोएँ, आँख न रोएँ, धुल जाएँगे स्वप्न सँजोए, छलना भरे विश्व में, केवल सपना ही सच होता है। इस जीवन से मृत्यु भली है, आतंकित जब गली-गली है, मैं भी रोता आस-पास जब, कोई कहीं नहीं होता है। दूर कहीं कोई रोता है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Dec 24, 2022, 18:30 IST
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