Dehradun News: देश के लिए सर्वाेच्च बलिदान देने वालों के परिवार को ही भूल गई सेना

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज देहरादून में वाॅर मेमोरियल का उद्घाटन करेंगे लेकिन इस वॉर मेमोरियल पर अंकित शहीदों के परिजनों को ही कार्यक्रम में नहीं बुलाया गया है। जिम्मेदारों ने देश के लिए अपना सर्वाेच्च बलिदान देने वाले इन शहीदों के परिजनों को ही भुला दिया है। इससे वह खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादियों से लोहा लेने के दौरान 18 फरवरी 2019 को देहरादून के नेशविला रोड के रहने वाले मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल शहीद हो गए थे। उनकी बहादुरी को कोई भूल नहीं सकता है लेकिन दुर्भाग्य है कि उक्त कार्यक्रम में इनके परिवार को भी आमंत्रित नहीं किया गया। इनकी मां सरोज ढौंडियाल ने कहा कि इस आयोजन के लिए उन्हें नहीं बुलाया गया है। मेजर चित्रेश बिष्ट भी जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में आतंकियों से लोहा लेने के दौरान 16 फरवरी 2019 में शहीद हो गए थे। इनके पिता एसएस बिष्ट ने कहा कि रक्षा मंत्री के कार्यक्रम की जानकारी है लेकिन उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया है। इधर, उत्तराखंड सब एरिया के जनसंपर्क अधिकारी लेफि्टनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने कहा कि सभी शहीदों के परिजनों को आमंत्रित किया गया है। इन परिजनों तक मैसेज क्यों नहीं पहुंचा इसको देखा जाएगा।चार साल में शहीद द्वार तक नहीं बना सकी सरकारमेजर विभूति शंकर ढौंडियाल को शहीद हुए चार साल हो गए हैं। वर्ष 2021 में भारत सरकार ने उनकी वीरता का इनाम देते हुए मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया। इधर, राज्य सरकार ने भी उनकी याद में शहीद द्वार बनाने की घोषणा की थी लेकिन आज तक उस पर काम भी शुरू नहीं हुआ है। शहीद ढौंडियाल की मां सरोज ढौंडियाल ने कहा कि सरकार ने घोषणा की थी तो उस पर काम भी करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि सभी लोग सिर्फ 18 फरवरी को मेरे बेटे को याद करते हैं। उसके बाद शहीद के परिजनों का हाल जानने तक कोई नहीं आता है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 14, 2023, 00:51 IST
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