सरकार की टॉस्क फोर्स का सुझाव: स्कूली और उच्च शिक्षा में एनिमेशन गेमिंग और कंटेंट की भी हो पढ़ाई

एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक की मांग को देखते हुए सरकार की उच्च स्तरीय समिति ने स्कूली और उच्च शिक्षा में इसकी पढ़ाई की सिफारिश की है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2022 में एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक टास्क फोर्स ( एवीजीसी ) के गठन की घोषणा की थी, उसी समिति ने यह रिपोर्ट जारी की है। समिति का मानना है कि इस क्षेत्र में रोजगार की बड़ी संभावनाएं हैं। इसलिए ''क्रिएट इन इंडिया'' अभियान के तहत एनसीईआरटी को स्कूलों में एनिमेशन आधारित पाठ्यक्रम और विश्वविद्यालयों को स्नातक में ग्रॉफिक डिजाइन और कला आदि में डिग्री प्रोग्राम शुरू करने चाहिए। खास बात यह है कि समिति ने इस क्षेत्र में प्रवेश के लिए एक विशेष प्रवेश परीक्षा आयोजित करने का भी सुझाव दिया है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्रा की अध्यक्षता में समिति गठित की गई थी। सोमवार को शिक्षा और कौशल विकास व उद्यमिता मंत्रालय, इलेक्ट्रानिक व सूचना प्रौद्योगिकी, उद्योग व आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के सचिव ने इस रिपोर्ट को जारी किया। समिति की सिफारिश है कि सूचना व प्रसारण मंत्रालय को भारत में एवीजीसी शिक्षा के लिए एक समग्र रूपरेखा तैयार करने में शिक्षा मंत्रालय के साथ मिलकर काम करना चाहिए। शिक्षण पद्धतियों, शिक्षण के मुख्य क्षेत्रों, नए विषयों, रचनात्मक क्षेत्रों के लिए परीक्षा के तरीके आदि पर विचार करने की जरूरत है। यूजी और पीजी में डिग्री प्रोग्राम शुरू हों रिपोर्ट में स्नातक और स्नात्कोत्तर में एवीजीसी में डिग्री प्रोग्राम शुरू करने की सिफारिश की गई है। इसमें बैचलर ऑफ ग्राफिक ऑर्ट्स, बैचलर ऑफ विजुअल आर्ट्स इन गेम्स आर्ट्स डिजाइन, बैचलर ऑफ विजुअल आर्ट्स इन विजुअल इफेक्ट्स, बैचलर इन विजुअल आर्ट्स डिजिटल फिल्म मेकिंग, बैचलर या पीजी इन गेमिंग, एक्सआर आदि 10 डिग्री प्रोग्राम के नाम भी सुझाये हैं। एनईपी के तहत गेमिंग में एनिमेशन समेत प्रासंगिक पाठ्यक्रम बनें समिति का मानना है कि इस क्षेत्र को टीयर टू और टीयर थ्री शहरों में ले जाने की जरूरत है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिशों के तहत एनसीईआरटी को स्कूल में बच्चों के लिए गेमिंग में एनीमेशन सहित प्रासंगिक पाठ्यक्रम तैयार करना होगा। स्कूलों में कंप्यूटर लैब की तर्ज पर मीडिया और मनोरंजन स्टूडियो/प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए, ताकि छात्रों को इस क्षेत्र में रोजगार की जानकारी मिल सके। केजी से ग्रेड 5 तक के छात्रों को अवलोकन कौशल, मूविंग इमेजेस, दृश्य भाषा, रंग सिद्धांत, कला और डिजाइन का परिचय, प्रदर्शन कला का परिचय, संगीत जागरूकता, परिचय रचनात्मक सोच आदि को समझना होगा। राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा आयोजित करने की सिफारिश इसमें एवीजीसी क्षेत्र में प्रवेश की सुविधा के लिए मीडिया एंड एंटरटेनमेंट क्रिएटिव एप्टीट्यूड टेस्ट (एमईसीएटी) या इसी तरह की परीक्षाओं का भी सुझाव दिया। इस परीक्षण से मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र में चल रहे कार्यक्रमों में प्रवेश पाने वाले उम्मीदवार की रचनात्मकता योग्यता और तैयारी भी पता चलेगी। 70 हजार शिक्षकों को प्रशिक्षण की कवायद टास्क फोर्स के सदस्य और उद्योग की ओर से प्रतिनिधित्व से रहे आशीष कुलकर्णी ने बताया कि इसके लिए 70 हजार शिक्षकों को प्रशिक्षित करने की कवायद की जा रही है। अभी 154 विश्वविद्यालय एवीजीसी से जुड़े पाठ्यक्रम चला रहे हैं। 14 हजार विद्यार्थी इसकी पढ़ाई कर रहे हैं। संयुक्त सचिव स्किल अतुल तिवारी ने बताया कि इसमें छह माह से दो साल तक के अल्पकालिक कोर्स के अलावा कक्षा 6 से 12 और उच्च शिक्षा के लिए डिग्री और मास्टर डिग्री की सुविधा होगी। आईआईटी मुंबई और जोधपुर भी इसकी पढ़ाई करा रहे हैं। सरकार ने एनिमेशन और ग्राफिक्स को बढ़ावा देने के लिए इससे जुड़े लोगों को प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस के तहत प्रशिक्षण देने के लिए अधिकृत करने का प्रावधान किया है। पांच क्षेत्रों में काम करने की जरूरत रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2019 में भारत के एवीसीजी सेक्टर का कुल बाजार आकार 2.3 बिलियन डॉलर था, जो वैश्विक बाजार के आकार का लगभग 0.7 फीसदी था। इस क्षेत्र के अगले चार वर्षों यानी 2025 तक 2.2 गुना बढ़ने का अनुमान है, जो एवीजीसी बाजार का लगभग 1.5 फीसदी हिस्सा होगा। भारत में इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए, टास्क फोर्स ने पांच क्षेत्रों में बाजार पहुंच और विकास, कौशल और परामर्श, शिक्षा, प्रौद्योगिकी आईपी तक पहुंच बढ़ाना, वित्तीय व्यवहार्यता बनाना और उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री का प्रचार करने का सुझाव दिया है। दूरदर्शन पर भारतीय किरदारों पर आधारित किड चैनल जल्द वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, दूरदर्शन पर भारतीय किरदारों पर आधारित किड चैनल जल्द लाया जाएगा। इसका मकसद हर बच्चे को विदेश के बजाय भारतीय किरदारों पर आधारित एनीमेशन, गेमिंग और कंटेंट की जानकारी उापलब्ध करवाना है। इससे वह बचपन से ही इस क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने के लिए पहल कर सकते हैं। इन बिंदुओं पर करें फोकस समिति की सिफारिश है कि वैश्विक पहुंच के लिए घरेलू उद्योग के विकास, बजट, एक राष्ट्रीय एवीजीसी-एक्सआर मिशन बनाने, भारत और दुनिया के लिए भारत में कंटेंट तैयार करने के साथ ''क्रिएट इन इंडिया'' अभियान की शुरुआत, एक अंतर्राष्ट्रीय एवीजीसी मंच स्थापित करने के साथ-साथ गेमिंग एक्सपो सहित एफडीआई, सह-उत्पादन संधियों और नवाचार पर जोर देने और एवीजीसी क्षेत्र के लिए स्किलिंग, शिक्षा, उद्योग विकास और अनुसंधान व नवाचार के क्षेत्र में एक राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) स्थापित करना है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Dec 27, 2022, 01:22 IST
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