Padma Shri: डॉ रतन ने पद्मश्री के लिए चुने जाने पर जताई खुशी, जारवा जनजाति को विलुप्त होने से बचाया था

केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन के स्वास्थ्य अधिकारियों के हाथपांव फूल गए थे। इससे निपटने के लिए उन्होंने डॉ. रतन चंद्र कर की सेवा ली। अधिकारियों के कहने पर तत्कालीन चिकित्सा अधिकारी डॉ. रतन ने कदमतला गांव और लखरालुंगटा में जारवा जनजाति के लोगों के स्वास्थ्य की निगरानी की और उनका सफलतापूर्वक इलाज किया। बाद में उनके साथ घुल-मिल गए। खतरनाक धनुष और बाणों से लैस जारवा जनजाति के लोग अपनी उग्रता के लिए जाने जाते हैं और वे बाहरी लोगों को अपने क्षेत्र में घुसना पसंद नहीं करते हैं। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से पद्मश्री के लिए चुने गए डॉ. रतन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनके पास खुशी जताने के लिए शब्द नहीं हैं। उन्होंने यह उपलब्धि हासिल करने में उनकी मदद करने के लिए सभी को धन्यवाद दिया। डॉ. रतन की पत्नी अंजलि ने उनसे जारवा जनजाति के लोगों का इलाज करने की चुनौती स्वीकार करने और उन्हें विलुप्त होने से बचाने का आग्रह किया था। उस समय जारवा जनजाति को बचाना बड़ी चुनौती थी। इसको देखते हुए डॉ. रतन की पत्नी अंजलि चिंतित थीं। पत्नी की बातों पर विचार करने के बाद डॉ रतन ने यह महसूस करते हुए इस चुनौती को स्वीकार किया कि उन्हें जीवन में ऐसा अवसर कभी नहीं मिलेगा। उन्हें पहले ही नगालैंड में कोन्याक जनजाति के बीच ऐसी स्थिति संभालने का अनुभव था।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 26, 2023, 16:57 IST
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