Ambala News: अंबाला-जगाधरी राजमार्ग पर सबसे अधिक लावारिस गोवंश, हादसों का खतरा
- सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में एनएचएआई को पशु हटाने के दिए थे निर्देश, अब तक कार्रवाई नहींमाई सिटी रिपोर्टरअंबाला। अब तक स्टेट हाईवे पर पशुओं का जमावड़ा देखा जाता था, मगर अब राष्ट्रीय राजमार्गों पर भी पशुओं का डेरा है। जिले में सबसे खराब हालत अंबाला-जगाधरी राजमार्ग की है। यहां कैपिटल चौक से सिविल अस्पताल तक जगह-जगह पशुओं का राजमार्ग पर जमावड़ा रहता है। ये पशु वाहनों की रफ्तार तो कम करते ही हैं, साथ ही सड़क हादसों का खतरा बना रहता है। यही हाल अंबाला-दिल्ली राजमार्ग का है। यहां पर शहीद स्मारक के पास पशुओं का जमावड़ा रहता है। ऐसा तब है जब सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में उपायुक्त ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को राजमार्गों से पशुओं को हटाने के निर्देश दिए हैं। मगर अब तक एनएचएआई की तरफ से सख्त कदम दिखाई नहीं उठाया गया है। धुंध के समय में गोवंश बन रहे खतरा धुंध के समय में गोवंश राजमार्ग पर खतरा बन गए हैं। इनके कारण इस साल 12 से अधिक हादसे राष्ट्रीय राजमार्ग पर हो चुके हैं। इनमें अधिकांश बाइक सवार हैं। जो या तो चोटिल हुए हैं या उनकी जान चली गई है। दिसंबर से हल्की धुंध शुरू हो गई है ऐसे में खतरा बढ़ गया है। पशु से टकराई एक्टिवानवंबर में थाना अंबाला कैंट पुलिस ने सड़क हादसे में एक युवक की मौत पर केस दर्ज किया था। पुलिस को दिए बयान में अग्रसेन नगर निवासी राजीव सखूजा ने बताया था कि वह और उसका भतीजा पारस एक्टिवा पर अंबाला शहर काम से जा रहे थे। एयरफोर्स स्टेशन के नजदीक पीपी बाबा की मजार के पास एक बेसहारा पशु अचानक एक्टिवा के सामने आ गया। इससे उनका संतुलन बिगड़ गया और वे गिर गए। हादसे में पारस को ज्यादा चोटें आईं, जबकि उसे हल्की चोटें लगीं। बाइक से टकराया पशु, युवक की मौत मार्च में अंबाला सिटी के वाल्मीकि बस्ती निवासी राहुल देर शाम सात बजे भंडारे से सेवा करके नई सब्जी मंडी की ओर घर जा रहे थे। इसी दौरान कुछ गोवंश अचानक उनके सामने आ गए। जब तक वह बच पाते एक गोवंश से बाइक टकरा गई और बाइक सवार राहुल अनियंत्रित होकर सड़क पर गिर गए। राहगीरों ने उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचाया मगर तब तक उनकी मौत हो गई थी। राहुल की मौत का कारण सिर की हड्डी टूटना पाया गया।उपायुक्त के निर्देशों का नहीं हो रहा पालनसड़क सुरक्षा समिति की हाल ही में हुई बैठक में बेसहारा पशुओं के कारण होने वाली दुर्घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए निर्देश दिए थे कि कोई भी पशु सड़क पर न आए, इसके लिए ठोस और प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने यह भी कहा था कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर यदि कोई पशु दिखाई दे, तो एनएचएआई के हेल्पलाइन नंबर 1033 पर कॉल कर सूचना दें, जिससे एनएचएआई तुरंत कार्रवाई कर सके। इस निर्देश के बाद जब इस हेल्पलाइन नंबर पर कॉल किया तो फोन उठा ही नहीं। ऐसे में पता चलता है कि यह हर निर्देश महज खानापूर्ति हैं। इस निर्देश को लागू कराने के लिए संबंधित राजमार्गों के अधिकारियों के नंबर सार्वजनिक करने चाहिए थे, जिससे लोग उन्हें पशुओं की लोकेशन के साथ जानकारी दे सकें। यहां तक कि एनएचएआई के अंबाला में परियोजना निदेशक पीके सिन्हा को अंबाला-जगाधरी राजमार्ग पर पशुओं की जानकारी देने के लिए फोन पर संपर्क किया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। अंबालाजगाधरीराजमार्गपर बैठा गोवंश।संवाद
- Source: www.amarujala.com
- Published: Dec 04, 2025, 01:50 IST
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