अमर उजाला संवाद: प्रदेश में घट रही सेब पैदावार, बाजार में बड़ी चुनौती, गुणवत्ता बढ़ाने के साथ कोल्ड स्टोर चेन
हिमाचल प्रदेश को सेब ने अलग पहचान दी है, पर आज बागवानों के लिए सेब पैदावार और बाजार दोनों ही चुनौती बन गए हैं। उत्पादन लागत बहुत बढ़ गई है और मंडियों में सही रेट नहीं मिल रहे। विदेशी सेब से स्पर्धा के लिए बागवानों को गुणवत्तापूर्ण सेब उगाना तकनीक के अभाव में दूर की कौड़ी बन गया है। एक सदी पहले हिमाचल में शुरू हुई सेब बागवानी अब घाटे का सौदा साबित हो रही है। लागत 60 रुपये प्रति किलो है तो सेब 65 रुपये में बिक रहा है। सेब बागवानी के समक्ष चुनौतियां और समाधान विषय पर रविवार को आयोजित अमर उजाला संवाद में बागवानों व बागवानी विशेषज्ञों ने कहा कि सेब बचाने के लिए सरकार को भी आगे आना होगा। ग्लोबल वार्मिंग की वजह से स्नो लाइन और सेब बेल्ट लगातार ऊपर की ओर सरक रही है। ऐसे में सेब मोनोकल्चर को अपनाने के बजाय चेरी, ब्लू बेरी, एवोकैडो जैसे फलों को उगाने का विकल्प समय की जरूरत है। संवाद में लागत घटाने और उपज बढ़ाने, अंधाधुंध दवाओं का छिड़काव रोकने, विश्वविद्यालय के सुझाए विशेषज्ञों के बताए शेड्यूल को अपनाने, प्राकृतिक खेती की दिशा में बढ़ने और कोल्ड चेन बढ़ाने पर जोर दिया गया।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Aug 25, 2025, 10:26 IST
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