अखिलेश का आरोप: विपक्षी पार्टियों के वोट काटना चुनाव आयोग की मंशा, SIR की प्रक्रिया में जल्दबाजी क्यों?

सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि ऐसा लगता है कि चुनाव आयोग इस लोकतंत्र में भाजपा का सपना पूरा करना चाहता है, जिससे विपक्ष के वोट कट जाएं। इधर जब से भाजपा खासकर उत्तर प्रदेश से हारी है, उसके अंदर बेचैनी है। उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में अभी चुनाव दूर है। फिर इतनी जल्दबाजी क्यों दिखाई जा रही है। सरकार समय क्यों नहीं देना चाहती है। अखिलेश यादव ने नई दिल्ली में पत्रकारों से कहा कि आजादी के बाद डॉ. भीमराव आंबेडकर ने संविधान के माध्यम से हमें एक वोट डालने का अधिकार दिया। मतदाता का वोट स्वतंत्र रूप से पड़े, तो उसका सपना पूरा होगा। वह जिसके पक्ष या विपक्ष में चाहेगा, वोट डालेगा। यह जो बीएलओ की जान चली गई, यह भी क्या ड्रामा था। उन पर काम का दबाव था। सर्वेश गंगवार, विजय वर्मा, विपिन यादव, अंजू दुबे की मौतें ड्रामा है क्या। अखिलेश यादव ने कहा कि एसआईआर का मतलब है कि वोट बढ़े, लेकिन भाजपा ने ऐसे मौके पर एसआईआर शुरू कराई जब शादियों के दिन है। यह इसलिए कि वोट बढ़े नहीं। चुनाव आयोग चाहता है कि एसआईआर में सावधानी से वोट कट जाए। भाजपा से संसाधनों में कोई मुकाबला नहीं कर सकता है। उसने कई बड़ी-बड़ी आईटी कंपनियों की सेवाएं ली हैं। इनका काम उत्तर प्रदेश में जिन बूथों पर भाजपा हारी है, वहां एसआईआर के सहारे वोट नहीं बढ़ने देना है। अखिलेश ने कहा कि सांसद राजीव राय ने बताया है कि घोसी विधानसभा में 20 हजार वोट काटे गए, जबकि अभी एसआईआर नहीं हुआ है। आगे 20 हजार वोट और कट गए तो कितने लोग मताधिकार से वंचित हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि विपक्ष कभी ड्रामा नहीं करता है। विपक्ष ड्रामा करने वालों को रोकता है। जो लोग बाहर काम करते हैं, वे कहां वोट बनवाएं।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Dec 01, 2025, 21:31 IST
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