Delhi News: एम्स के सर्जनों ने 2.5 किलोग्राम के शिशु पर की फेफड़ों की सर्जरी

-बिहार से गंभीर हालत में रेफर किए गए शिशु को जन्मजात फुफ्फुसीय वायुमार्ग विकृति (सीपीएम) थी, जो एक दुर्लभ स्थिति हैअमर उजाला ब्यूरोनई दिल्ली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉक्टरों ने मात्र 50 दिन के 2.5 किलोग्राम वजन के शिशु की थोरैकोस्कोपिक (कीहोल) फेफड़े की सर्जरी की। बिहार से गंभीर हालत में रेफर किए गए इस शिशु को जन्मजात फुफ्फुसीय वायुमार्ग विकृति (सीपीएम) थी, जो एक दुर्लभ स्थिति है। इसमें फेफड़े का एक हिस्सा असामान्य रूप से विकसित हो जाता है, जिसके कारण शिशु का स्वस्थ फेफड़ा दब गया था और वह वेंटिलेटर पर निर्भर था। पारंपरिक ओपन चेस्ट सर्जरी के बजाय एम्स की सर्जिकल टीम ने न्यूनतम इनवेसिव थोरैकोस्कोपिक तकनीक का उपयोग किया। इस प्रक्रिया में 3-5 मिमी के छोटे उपकरणों और कैमरे की मदद से केवल एक सेंटीमीटर के चीरे के माध्यम से फेफड़े के रोगग्रस्त हिस्से को हटाया गया।सर्जरी के दौरान शिशु के ऑक्सीजन स्तर में खतरनाक गिरावट देखी गई, लेकिन सर्जिकल और एनेस्थीसिया टीमों के उत्कृष्ट समन्वय ने इस चुनौती को पार किया। ऑपरेशन का नेतृत्व बाल चिकित्सा विभाग के प्रोफेसर डॉ. विशेष जैन ने किया, जबकि एनेस्थीसिया का प्रबंधन डॉ. राकेश कुमार ने संभाला। डॉ. जैन ने बताया कि इतने कम वजन वाले शिशु पर इस तरह की सर्जरी करना बाल चिकित्सा सर्जरी की सीमाओं को चुनौती देता है। यह एम्स की उन्नत सुविधाओं का परिणाम है। वहीं, विभागाध्यक्ष डॉ. संदीप अग्रवाल ने इसे अस्पताल की सबसे कमजोर मरीजों को भी विश्वस्तरीय देखभाल प्रदान करने की प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया। उन्होंने बताया कि सर्जरी के बाद शिशु धीरे-धीरे ठीक हो रहा है और अब स्वतंत्र रूप से सांस ले रहा है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Sep 18, 2025, 17:27 IST
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