Ahmedabad: विमान के दोनों इंजन का पावर लॉस बना क्रैश का कारण, क्या संभव है 425 फुट ऊंचाई पर इंजन 'शटडाउन'
अहमदाबाद एयरपोर्ट के करीब हुए एयर इंडिया विमान हादसे के बाद विभिन्न एजेंसियां यह मालूम करने का प्रयास कर रही हैं कि विमान क्रैश होने का प्रमुख कारण क्या है। इस बाबत सिविल एविएशन एक्सपर्ट की अलग अलग राय है। कई विशेषज्ञों का कहना है कि विमान के दोनों इंजन का 'पावर लॉस', प्लेन क्रैश होने का कारण हो सकता है। हवा में 425 फुट की ऊंचाई पर इंजन का 'शटडाउन' होना, ड्रीम लाइनर विमान तैयार करने वाली कंपनी बोईंग के हवाई जहाजों को लेकर ऐसा एक ही हादसा हुआ है। अगर एक इंजन भी पूरी क्षमता के साथ चालू रहता तो प्लेन को आबादी के क्षेत्र से बाहर ले जाया जा सकता था। जांच के बाद ही पता चलेगा असली कारण: विशेषज्ञ एविएशन एक्सपर्ट ओपी तिवारी का कहना है कि इस हादसे के पीछे असल कारण तो जांच के बाद ही पता चल सकेगा। हालांकि विमान के साथ पक्षी टकराने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता, लेकिन यह तभी संभव है, जब बड़ा पक्षी हो। एयरपोर्ट के आसपास दूरबीन से पक्षियों की एक्टिविटी देखी जाती है। अगर बहुत सारे पक्षी हैं तो ही उनके टकराने की संभावना बनती है। ये भी संभव है कि एक इंजन, पक्षी टकराने से काम करना छोड़ गया हो और दूसरे का पावर लॉस हो गया हो। इंजन में तकनीकी खराबी का अंदेशा कैप्टन किशोर के मुताबिक, अगर टेक ऑफहोने के दौरान विमान में गड़बड़ी हुई है तो मतलब इंजन में बड़ी तकनीकी खराबी आई है। महज 425 फुट की ऊंचाई पर इंजन में खराबी आ गई। पायलट ने मे डे कॉल की है। संभव है कि पायलट ने बचाव के सभी तरीके अपनाने के बाद यह कॉल की हो। उसने विमान को हाइट पर ले जाने की कोशिश की हो। विमान की कोई तकनकी गड़बड़ी हो सकती है हादसे का कारण ऐसे हादसे में एक यही संभावना बनती है कि विमान के दोनों इंजन तक तेल नहीं पहुंच सका। विमान, फ्लाई करता हुआ नीचे गिरा है, यानी बिल्डिंग से टकराया है।वह हेलीकॉप्टर की तरह एक दम नीचे नहीं गिरा। एवीएम पीके श्रीवास्तव 'रि' के मुताबिक, विमान में कोई बड़ा तकनीकी इश्यू रहा होगा। बैटरी इश्यू नहीं हो सकता। विमान तैयार करने वाली बोईंग कंपनी के साथ क्वालिटी का इश्यू भी नहीं रहा। टेक आफ के दौरान ऐसी घटना का होना, बहुत भयावह है। सेंट्रल ग्रेविटी का भी कोई कारण नजर नहीं आता। कुछ देर पहले यह विमान दिल्ली से अहमदाबाद आया था। अब सही वजह तो फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर से ही पता चलेगा। तकनीकी फॉल्ट क्या रहा, इसका सही पता चल सकेगा। ड्रीम लाइनर की चेक हिस्ट्री बोईंग के साथ होती है साझा एयर कमोडोर बीएस सिवाच (रिटायर्ड) के अनुसार, विमान की उड़ान से पहले सभी उपकरण चेक होते हैं। ड्रीम लाइनर की चेक हिस्ट्री बोईंग के साथ साझा होती है। यह एक एडवांस एयरक्रॉफ्ट है। तकनीकी खराबी की संभावना कम है। पक्षी टकराने की संभावना हो सकती है। देखने वाली बात यह भी है कि अंतिम क्षण तक विमान कंट्रोल में था। पायलट ने बिल्डिंग को बचाने का प्रयास किया, लेकिन विमान आगे बढ़ ही नहीं सका। मतलब, विमान के दोनों इंजन पावर लॉस का शिकार हो चुके थे। इसी वजह से विमान की स्पीड भी कम रही। क्रैश का मतलब- दोनों ईंजन खो चुके थे अपनी क्षमता कैप्टन योगेश बैरागी बताते हैं कि देखिये इस ड्रीम लाइनर विमान में तकनीकी खराबी का आना, आसान नहीं है। बहुत से चेक होते हैं। विमान का क्रैश होना, मतलब दोनों इंजन अपनी क्षमता खो चुके थे। पक्षी टकराने की संभावना बनी रहती है। हालांकि ये भी जांच के बाद ही पता चल सकेगा।एवीएम सूर्यकांत के अनुसार, जब दोनों इंजन पावर लॉस करते हैं तो पायलट के पास विमान को संभालने का ज्यादा वक्त नहीं होता। पायलट ने पूरा प्रयास तो किया होगा। विमान को आबादी के क्षेत्र से बाहर ले जाने के लिए स्पीड की आवश्यकता होती है। वह, दोनों इंजन के चलने पर ही संभव है। इस हादसे में दोनों इंजन पावर जनरेट नहीं कर पा रहे थे।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Jun 12, 2025, 20:02 IST
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