Jammu Kashmir: जम्मू शहर में डकैती से पहले 6 बड़ी वारदातों को अंजाम दे चुका था आरोपी हरप्रीत, SIT का खुलासा

कारोबारी राकेश अग्रवाल के घर डकैती से पहले आरोपी छह बड़ी वारदातों को अंजाम दे चुके थे। इनमें टारगेट कीलिंग, डकैती, अपहरण की वारदातें शामिल हैं। हरप्रीत सिंह के साथ जिन लोगों ने राकेश अग्रवाल के घर डकैती की, वही लोग पहले की वारदातों में भी शामिल थे। इसे पंजाब के रहने वाले राजा सिंह और मंजीत सिंह ने मिलकर हरप्रीत सिंह के साथ अंजाम दिया है। यह जानकारी एसआईटी ने एक्साइज मजिस्ट्रेट के समक्ष दी है। एसआईटी ने आरोपी राजा सिंह की जमानत अर्जी पर अपना पक्ष रखते हुए यह जानकारी दी। मजिस्ट्रेट उमेश शर्मा ने इस मामले में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आरोपी राजा सिंह की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया। हरप्रीत के घर बनी डकैती की साजिश एसआईटी ने अपनी जांच में पाया कि मुख्य साजिशकर्ता आरोपी हरजीत सिंह ने डकैती, अपहरण और टारगेट कीलिंग की छह अलग-अलग घटनाओं की योजना बनाई थी और इन योजनाओं को पूरा करने के लिए राजा सिंह के साथ-साथ पंजाब के अन्य गैंगस्टरों से संपर्क किया था। डकैती करने से पहले राजा सिंह और हरप्रीत सिंह दो बार जम्मू आए थे। जांच में यह भी पाया गया कि राजा सिंह की मंजीत सिंह उर्फ फौजी के साथ लगातार बात होती थी। राकेश अग्रवाल के घर डकैती करने की योजना हरप्रीत सिंह के संजय नगर स्थित किराये के मकान में बनाई गई थी। इसके लिए प्रत्येक को 5 लाख रुपये देने की सहमति बनी, लेकिन राजा सिंह जब पंजाब गया, तो वहां से लौटने के लिए मना कर दिया। इतना जरूर कहा कि डकैती के बाद सबको अपने घर पनाह दे देगा। राजा सिंह और मंजीत सिंह के बीच 100 फोन कॉल जांच में पाया गया कि राजा सिंह और मंजीत सिंह के बीच डकैती की वारदात के दौरान करीब 100 बार फोन हुआ। 5 नवंबर 2022 से 15 नवंबर 2022 के बीच यह काॅल और अधिक बढ़ गई। इससे साफ है कि राजा सिंह को डकैती की जानकारी थी। वह इस साजिश के मुख्य आरोपियों में से एक है। एसआईटी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि राजा सिंह का जुर्म संगीन है, जिस पर 10 साल की कठोर कारावास और उम्रकैद की सजा हो सकती है। इस तरह की वारदात अपने आप में पहली बार जम्मू हुई और ऐसा किसी ने पहले सुना भी नहीं था। वारदात भी शहर के ऐसे जगह हुई, जो हाई सिक्योरिटी जोन में है। आरोपी एक गिरोह, कई मामलों में संलिप्त होने की शक डकैती करने वाले आरोपी एक गिरोह के लोग हैं। इनमें से कुछ अभी पकड़े भी नहीं गए हैं। आरोपियों में कई पंजाब के हैं और पहले के पकड़े गए आरोपी भी पंजाब से पकड़े गए थे। इस तरह यह एक अंतरराज्यीय गिरोह प्रतीत होता है। यह गिरोह हथियारों का इस्तेमाल करता है और आपराधिक पृष्ठभूमि वाला है। इस गैंग के सरगना ने पुलिस पार्टी पर फायरिंग भी की है। अन्य हाईप्रोफाइल हत्याकांडों में भी इस गिरोह के शामिल होने की आशंका है। लिहाजा इसे जमानत नहीं दी जानी चाहिए। आरोपी मंजीत सिंह पर पहले से 20 मामले दर्ज हैं। जेएनएफ

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 17, 2023, 15:56 IST
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