आज का शब्द: समाधि और सुभद्राकुमारी चौहान की कविता- बढ़ जाता है मान वीर का, रण में बलि होने से

'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- समाधि, जिसका अर्थ है- ईश्वर के ध्यान में लीन होना, योगक्रिया का अंतिम चरण, वह स्थान जहाँ पर किसी का मृत शरीर या अस्थियां गाड़ी गई हों। प्रस्तुत है सुभद्राकुमारी चौहान की कविता- बढ़ जाता है मान वीर का, रण में बलि होने से इस समाधि में छिपी हुई है, एक राख की ढेरी जल कर जिसने स्वतंत्रता की, दिव्य आरती फेरी ।। यह समाधि यह लघु समाधि है, झाँसी की रानी की अंतिम लीलास्थली यही है, लक्ष्मी मरदानी की ।। यहीं कहीं पर बिखर गई वह, भग्न-विजय-माला-सी उसके फूल यहाँ संचित हैं, है यह स्मृति शाला-सी। सहे वार पर वार अंत तक, लड़ी वीर बाला-सी आहुति-सी गिर चढ़ी चिता पर, चमक उठी ज्वाला-सी ।। बढ़ जाता है मान वीर का, रण में बलि होने से मूल्यवती होती सोने की भस्म, यथा सोने से ।। रानी से भी अधिक हमे अब, यह समाधि है प्यारी यहाँ निहित है स्वतंत्रता की, आशा की चिनगारी ।।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Dec 28, 2022, 17:13 IST
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