धर्म-अधर्म का विचार कर कार्य करने में निपुण ही सही मनुष्य : उपेंद्र मुनि
- नई अनाजमंडी में नई स्थानक में उपेंद्र मुनि ने दिए प्रवचन, बताई मनुष्य के लक्षणों की दो श्रेणीसंवाद न्यूज एजेंसी समालखा। उपेंद्र मुनि ने कहा कि मनुष्य के लक्षणों को दो प्रमुख श्रेणियों शारीरिक और मानवीय व नैतिक में बांटा जा सकता है। शारीरिक लक्षणों में द्विपाद गति, बड़ा मस्तिष्क, जटिल सामाजिक संरचनाएं और उपकरण बनाने की क्षमता शामिल है। मानवीय व नैतिक लक्षणों में दयालुता, करुणा, सहानुभूति, ईमानदारी, आत्म-नियंत्रण, बुद्धिमत्ता और मानवतावादी विचार शामिल हैं। उन्होंने ये प्रवचन मंगलवार को नई अनाज मंडी स्थित नई स्थानक में दिए। उन्होंने कहा कि मनुष्य दो पैरों पर चलते हैं, जिससे उनके हाथ स्वतंत्र रूप से उपकरण बनाने और अन्य कार्यों में उपयोग के लिए होते हैं। मनुष्य का मस्तिष्क उनके शरीर के सापेक्ष बड़ा होता है, जो जटिल सामाजिक संरचनाओं, कला और भाषा के विकास से जुड़ा है। मनुष्य जटिल उपकरणों का निर्माण करने और उनका उपयोग करने की क्षमता रखते हैं। उनके कंकाल का आकार हल्का होता है। साथ ही, जबड़े और दांत छोटे और कमजोर हो जाते हैं। जन्म के बाद मनुष्यों का विकास लंबा होता है और उन्हें माता-पिता से लंबे समय तक देखभाल की आवश्यकता होती है। पंच संग्रह में कहा है कि मनुष्य वे हैं जो मन के द्वारा नित्य ही हेय उपादेय, धर्म-अधर्म का विचार करते हैं। कार्य करने में निपुण है और उत्कृष्ट के धारक हैं।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Sep 24, 2025, 02:54 IST
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