मुफलिसी: हॉकी के राष्ट्रीय खिलाड़ी का हाल, कभी जीते पांच स्वर्ण पदक, आज पल्लेदारी करने को मजबूर

आमतौर पर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को सरकारों की तरफ से बड़ी-बड़ी नौकरियां देकर नवाजा जाता है लेकिन फरीदकोट के हॉकी खिलाड़ी परमजीत सिंह को परिवार का गुजारा करने लायक भी नौकरी नहीं मिली। परमजीत सिंह की प्रतिभा किसी भी मायने में कम नहीं रही। विद्यार्थी जीवन के दौरान ही उन्होंने राष्ट्रीय स्तर के नौ मुकाबलों में भाग लेकर पांच स्वर्ण पदक जीते। इसके अलावा दो बार राष्ट्रीय स्तर की टीम में स्थान प्राप्त किया लेकिन सरकारों की अनदेखी के कारण इन दिनों वह परिवार का पालन पोषण करने के लिए अनाज मंडी में पल्लेदारी करने को मजबूर हैं। जानकारी के अनुसार मूलरूप से यूपी के रहने वाले और पंजाब में जन्मे परमजीत सिंह के पिता फरीदकोट के सरकारी बरजिंद्रा कॉलेज में माली के रूप में काम करते थे। परमजीत ने अपनी प्राथमिक शिक्षा फरीदकोट के सरकारी स्कूल में की और शिक्षा के साथ-साथ उन्हें खेल से भी प्यार था। हॉकी कोच बलजिंदर सिंह की नजर उन पर पड़ी। उन्होंने उनके कौशल को पहचाना और परमजीत के हाथों में हॉकी पकड़ा दी। धीरे-धीरे परमजीत एक बढ़िया फुल बैक पोजिशन का खिलाड़ी बन गया। इस तरह परमजीत ने टीम के लिए खेलना शुरू किया और अपने अच्छे प्रदर्शन के कारण उन्हें एनआईएस पटियाला में एक सीट मिली। जहां उन्होंने 6वीं कक्षा से 12वीं तक की पढ़ाई की और साथ ही जूनियर और सीनियर राष्ट्रीय खेलों में नौ बार चयन हुआ। इस दौरान परमजीत ने पांच बार पदक जीते। इसके बाद उन्होंने बिजली बोर्ड और पंजाब पुलिस की कई प्रतियोगिताओं में अपना दम दिखाया लेकिन दुर्भाग्य से दोनों विभागों ने अनुबंध के तहत खेलने के बाद उन्हें नियमित नहीं किया गया।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 24, 2023, 21:10 IST
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