Noida News: फैटी लिवर से बचाएंगे पीजीआई में प्रशिक्षित प्रदेश के 800 चिकित्सक

माई सिटी रिपोर्टर रोहतक। शराब के बाद लिवर खराब होने का फैटी लिवर दूसरा तो काला पीलिया तीसरा सबसे बड़ा कारण है। आम आदमी अक्सर इसे पहचान नहीं पाता है, इसीलिए सरकार ने फैटी लिवर का जिलास्तर पर इलाज मुहैया कराने की दिशा में कदम बढ़ाया है। इसके तहत पीजीआई में छह माह में अलग-अलग समूहों में प्रदेश के 800 चिकित्सकों को ईको (एक्सटेंशन फाॅर कम्युनिटी हेल्थ केयर आउटकम्स) के माध्यम से प्रशिक्षित किया गया है।पीजीआई के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के विभागाध्यक्ष एवं नोडल ट्रीटमेंट सेंटर के इंचार्ज डॉ. प्रवीण मल्होत्रा ने चिकित्सकों को प्रशिक्षण दिया। इसमें डीजीएचएस कार्यालय के एनवीएचसीपी स्टेट नोडल ऑफिसर डॉॅ. प्रवीण बूरा का विशेष सहयोग रहा। डॉ. प्रवण मल्होत्रा ने बताया कि ईको के माध्यम से पहले 50 मेडिकल अफसरों को वर्चुअल टीचिंग के माध्यम से ट्रेनिंग दी गई। इस सफलता के बाद अगले चरण में हरियाणा के 800 डॉक्टरों को बारी-बारी से छह माह में प्रशिक्षित किया गया। डीजीएचएस कार्यालय से डॉ. ब्रह्मदीप सिंधु, डॉ. ओमपाल सैनी व डॉ. गिरीश अत्री के सहयोग से प्रशिक्षण दिया गया। काला पीलिया की तरह फैटी लिवर को भी राष्ट्रीय प्रोग्राम में शामिल किया गया है। राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर ईको ट्रेनर के रूप में जम्मू एंड कश्मीर, कर्नाटक व पूर्वोत्तर राज्यों के डॉक्टरों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। ईको टीम में डॉ. कुमुद राय, डॉ. संदीप भल्ला, डॉ. सुनील, डॉ. आनंद, डॉ. प्रोबिता दास व डॉ. पूर्णिमा पराशर शामिल हैं। प्रदेश के सभी प्राइमरी हेल्थ सेंटर, कम्युनिटी हेल्थ सेंटर व जिला अस्पतालों में अब फैटी लिवर के मरीजों की जल्द पहचान व इलाज संभव हो गया है। गंभीर मरीजों को पीजीआई रेफर किया जा सकता है। इसी कड़ी में हर हफ्ते जिला अस्पतालों में एक दिन लिवर क्लिनिक भी चलाया जाएगा। ईको प्लेटफाॅर्म से प्रशिक्षण देने वाला हरियाणा पहला राज्य है। कुलपति डॉ. एच के अग्रवाल व निदेशक डॉ. एसके सिंघल ने गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इसके सार्थक परिणाम आएंगे।क्या है फैटी लिवरप्रत्येक व्यक्ति के लिवर में पांच प्रतिशत फैट पाई जाती है। इससे अधिक होने पर यह लिवर के लिए नुकसानदायक होती है। शराब पीने या मोटापे जैसे कारणों से हो सकता है। फैटी लिवर के कुछ सामान्य कारण हैं, जैसे मोटापा, मधुमेह, उच्च कोलेस्ट्रॉल, खराब खान-पान, और अत्यधिक शराब का सेवन. शुरुआती दौर में इसके लक्षण कम होते हैं, लेकिन गंभीर होने पर थकान, पेट में दर्द, सूजन और त्वचा में खुजली जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Sep 23, 2025, 02:49 IST
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