Hathras News: हाथरस में 50 ईंट-भट्ठे चल रहे बिना अनुमति के, पड़ेगा छापा

हाथरस में करीब 50 ईंट भट्ठे नियम विरुद्ध चल रहे हैं। इनकी एनजीटी में शिकायत पहुंची हैं। प्रदूषण नियंत्रण विभाग व जिला प्रशासन अब संयुक्त रूप से इन भट्ठों पर छापा मारा। इसके लिए तैयारी की जा रही है। हाथरस में करीब पौने दो सौ ईट भट्ठों का संचालन हो रहा है। इसर्में 111 इंट भट्ठे कागजी प्रक्रिया को पूरी करते हुए नियम से संचालन करते हैं। पूरे साल में करीब सौ करोड़ रुपये का टर्नओवर है। इन भट्ठों से करीब 30 हजार लोगों को रोजगार मिलता है। यह कागजी प्रक्रिया करनी पड़ती है पूरी ईट भट्ठों के संचालन के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति लेनी जरूरी है। खनन विभाग से अनुमति लेनी पड़ती है। जीएसटी में पंजीकरण कराना होता है। इसके अलावा जिला पंचायत में हर साल राशि जमा होती है। वहां से प्रमाणपत्र लेना होता है। तब जाकर्र इंट भट्ठे का संचालन होता है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एनओसी तक नहीं जिले में करीब 50 ईंट भट्ठे अवैध तरीके से चल रहे हैं। इनके पास प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एनओसी तक नहीं है। इसका खुलासा एनजीटी में हुई शिकायत के बाद हुआ है। एनजीटी में हुई शिकायत के बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इन भट्ठों पर जिला प्रशासन के साथ संयुक्त रूप से जल्द छापा मारेगा। हाथरस के अलावा एटा, कासगंज और अलीगढ़ में संचालित भट्ठों की शिकायत एनजीटी में हुई है। हड़ताल से महंगी हुई ईंट पिछले दिनों ईंट कारोबारियों ने जीएसटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल रखी। इस कारर्ण इंट की पकाई का काम दिसंबर में शुरू नहीं हो सका। पहर्ले इंट के दाम 55 सौ रुपये प्रति हजार थे। हड़ताल के चलर्ते इंट के दामों में 100 रुपये प्रति हजार की वृद्धि हुई है। इस कारण आमजन के लिए आशियाना बनाना महंगा हो गया है। जिले में 111 ईंट भट्ठे विभिन्न अनुमति के साथ संचालित हो रहे हैं। पूरे साल में करीब 100 करोड़ रुपये का टर्नओवर है। करीब 30 हजार लोगों को इनसे रोजगार मिल रहा है। अवैध तरीके संचालित ईंट भट्ठों को बंद कराया जाए, जिससे राजस्व भी प्रभावित होता है। -कमल गोयर्ल, इंट भट्ठा उद्यमी जिले में चल रहे अवैध ईंट भट्ठों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। यदि यह भट्ठे नियम से चलेंगे तो जिले का राजस्व भी बढ़ेगा। जो भट्ठे नियम विरुद्ध संचालित हो रहे हैं, उन पर किसी की अनुमति नहीं है। इनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। -अंबरीश माहेश्वरी- ईंट भट्ठा उद्यमी पहले र्जो इंट 52 सौ 55 सौ प्रति हजार आ रही थी। अब वह छह हजार रुपये के पार पहुंच गई है। इस कारण निर्माण करना महंगा हो गया है। ईंट के दाम गिरें, तब जाकर राहत मिले। सरिया व सीमेंट आदि के दामों में तो गिरावट आ गई है। -शिवकुमार शर्मा, ग्राहक निर्माण र्में इंट की अहम भूमिका होती है। अब ईंट के दाम आसमान छू रहे हैं। इस कारण मकान का निर्माण करना महंगा पड़ रहा र्है। इंट कारोबारी फरवरी से भट्ठा चालू होने की बात कह रहे हैं। तब कहीं शायर्द इंट के दाम गिर जाएं। -विनोद अग्रवाल, ग्राहक जिले में करीब 50 ईंट भट्ठे बिना अनुमति के चल रहे हैं। एनजीटी में शिकायत के बाद इस बात का पता चला है। जिला प्रशासन व प्रदूषण नियंत्रण विभाग इन भट्ठों को बंद कराने के लिए छापा मारेगा। -जेपी सिंह, जिला प्रभारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 06, 2023, 22:44 IST
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