Kharif Sowing: धान की बुवाई में 109% फीसदी का इजाफा, मानसून की अच्छी बारिश से खरीफ फसलों को फायदा: रिपोर्ट

अच्छे मानसून से खरीफ फसलों की बुआई उम्मीद से अधिक रही। खासतौर से धान की बुवाईसामान्य के109 प्रतिशत तक पहुंच गई है। आईसीआईसीआई बैंक की एक रिपोर्ट में यह जानकारी मिली है।रिपोर्ट के अनुसार देश के कई भागों में सामान्य से अधिक वर्षा से इस प्रगति को समर्थन मिला है। ये भी पढ़ें:Rare Earth:सरकार ने पांच महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉकों की नीलामी रद्द की, खराब प्रतिक्रिया मिलने के कारण फैसला खरीफ बुआई में हुई 3.4 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि इसमें कहा गया है कि खरीफ की बुआई अच्छी चल रही है और इसमें 3.4 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि देखी जा रही है। इसमें मुख्य योगदान चावल का है, जिसमें पिछले वर्ष की तुलना में 7.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इन फसलों की बुआई में भी वृद्धि मोटे अनाज, गन्ना और दालों की बुआई में भी सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई है। 109.7 मिलियन हेक्टेयर के सामान्य बुवाई क्षेत्र में से, 107.4 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र पहले ही कवर किया जा चुका है, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 103.9 मिलियन हेक्टेयर था। हालांकि, जूट और मेस्टा, कपास और तिलहन जैसी फसलें पिछड़ गई हैं। वार्षिक आधार पर इनमें क्रमशः 31 प्रतिशत 26 प्रतिशत और 28 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। भारत में एलपीए 104 प्रतिशत दर्ज की गई रिपोर्ट के अनुसार, अब तक भारत में कुल बारिश दीर्घावधि औसत (LPA) से 104 प्रतिशत दर्ज की गई है। वहीं पिछले सप्ताह यह आंकड़ा 101 प्रतिशत था। क्षेत्रवार देखें तो उत्तर पश्चिम भारत में सामान्य से 19 प्रतिशत अधिक, मध्य भारत में 9 प्रतिशत अधिक और दक्षिण भारत में 5 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। हालांकि, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में स्थिति अब भी चिंताजनक बनी हुई है। यहां बारिश सामान्य से 17 प्रतिशत कम दर्ज की गई है। देशभर में बारिश का हाल राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा, गुजरात, कर्नाटक, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, पंजाब, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में अच्छी वर्षा दर्ज की गई है। दूसरी ओर, छत्तीसगढ़ और बिहार जैसे राज्यों में एलपीए से कम वर्षा हुई है, जिससे कुछ क्षेत्रों में बुवाई प्रभावित हो सकती है। पिछले हफ्ते हुई 36 प्रतिशत अधिक वर्षा रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पिछले हफ्ते पूरे भारत में सामान्य से 36 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई। इसके परिणामस्वरूप देश के कई हिस्सों में बाढ़ आ गई। अच्छी बुआई के बावजूद, इसका असर निकट भविष्य में खाद्य पदार्थों की आपूर्ति पर पड़ सकता है। अगस्त और सितंबर में अधिक बारिश की उम्मीद भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) को उम्मीद है कि मानसून सीजन के दूसरे भाग में, जो अगस्त और सितंबर तक रहेगा, वर्षा एलपीए की 106 प्रतिशत रहेगी। इससे खरीफ की बुवाई और समग्र कृषि गतिविधि को और अधिक समर्थन मिलने की संभावना है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Aug 27, 2025, 15:31 IST
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